अनुपम मित्तल

अनुपम मित्तल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा 11% छंटनी पर कह दी ये बड़ी बात

अनुपम मित्तल की प्रतिक्रिया रिलायंस इंडस्ट्रीज की छंटनी पर गंभीर चिंता

 

अनुपम मित्तल

 

शादी डॉट कॉम के फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया के जज, अनुपम मित्तल, ने रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा 11% कार्यबल की छंटनी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है। मित्तल के अनुसार, इतनी बड़ी छंटनी, विशेष रूप से रिलायंस जैसी प्रमुख कंपनी में, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में व्यापक चर्चा का विषय बननी चाहिए थी।

छंटनी के कारण और इसके प्रभाव

रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस छंटनी का मुख्य कारण लागत में कमी और नई भर्तियों की गति को धीमा करना बताया जा रहा है। खासतौर पर कंपनी के रिटेल सेक्टर में यह छंटनी अधिक हुई है, जहां कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की गई है। मित्तल का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर की गई छंटनी को लेकर समाज और सरकार को मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिए, ताकि इसके व्यापक प्रभावों का मूल्यांकन किया जा सके।

सोशल मीडिया पर मित्तल की प्रतिक्रिया

मित्तल की इस प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर भी काफी ध्यान आकर्षित किया है। उनके विचारों को लोगों का समर्थन मिला, और इस विषय पर अधिक चर्चा की आवश्यकता को महसूस किया गया। मित्तल ने इस मुद्दे पर आगे चर्चा की मांग की है, ताकि इसके आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को समझा जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

व्यापक चर्चा की आवश्यकता

अनुपम मित्तल का सुझाव है कि इस छंटनी के दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन करने के लिए इसे व्यापक चर्चा का विषय बनाना चाहिए। उनका मानना है कि रिलायंस जैसी कंपनी में इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी सिर्फ एक आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव देश की आर्थिक स्थिति और समाज पर भी पड़ सकता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस छंटनी का उद्देश्य लागत को नियंत्रित करना और नए व्यवसायों के बढ़ते डिजिटल समर्थन के साथ संचालन को अधिक कुशल बनाना बताया गया है। हालांकि, मित्तल का तर्क है कि इस मुद्दे को सिर्फ लागत और कुशलता के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

निष्कर्ष

मित्तल की इस प्रतिक्रिया ने न केवल सोशल मीडिया पर ध्यान खींचा है, बल्कि इसके पीछे के व्यापक कारणों पर भी चर्चा की मांग की है। उनका मानना है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है, ताकि इसके प्रभावों को सही तरीके से समझा जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

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