आईटी सेक्टर में तेजी: निवेशकों के लिए नए अवसर
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में निवेशकों की भावना में तेजी आई है, जिसका मुख्य कारण विवेकाधीन मांग में सुधार की उम्मीदें हैं। इसके साथ ही, फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित दरों में कटौती की अटकलों ने आईटी शेयरों में एक और खरीदारी की लहर पैदा की है। 28 अगस्त को निफ्टी आईटी इंडेक्स 2 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 42,712.50 के नए शिखर पर पहुंच गया, जिससे इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ।
निफ्टी आईटी इंडेक्स का बेहतर प्रदर्शन
पिछले सप्ताह के दौरान, निफ्टी आईटी इंडेक्स ने निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। जहां निफ्टी 50 में लगभग 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं निफ्टी आईटी इंडेक्स में लगभग 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कई विश्लेषकों का मानना है कि हाल के खराब प्रदर्शन के बावजूद, आईटी शेयरों का मूल्यांकन बाजार के अन्य हिस्सों की तुलना में अपेक्षाकृत उचित बना हुआ है। यह स्थिति निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत करती है, जिसमें इस क्षेत्र में और अधिक उछाल की संभावना है।
सकारात्मक प्रबंधन टिप्पणी और भविष्य की संभावनाएं
आईटी कंपनियों की पहली तिमाही के नतीजों के बाद, अधिकांश कंपनियों द्वारा की गई सकारात्मक प्रबंधन टिप्पणी ने संकेत दिया है कि सेक्टर के लिए सबसे बुरा समय बीत चुका है। एक्सिस सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, “अधिकांश आईटी कंपनियों ने Q1FY25 में बेहतर प्रदर्शन किया, जो मांग में सुधार और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अनिश्चितताओं के स्थिर होने का संकेत देता है।” इसके अलावा, डील जीतने और AI तथा IoT जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के बढ़ते उपयोग से इस क्षेत्र में पुनरुत्थान की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
फेडरल रिजर्व की नीति और भारतीय आईटी कंपनियों पर प्रभाव
जैक्सन होल संगोष्ठी में फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने मौद्रिक नीति में संभावित समायोजन के संकेत दिए, जिससे दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह संभावित दर कटौती भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में विवेकाधीन खर्च और सौदे के प्रवाह को और बढ़ा सकती है, जो कि उनके राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है। इस आर्थिक सुधार से भारतीय आईटी क्षेत्र को मजबूत रिकवरी की उम्मीद है।
क्षेत्रीय लाभ और प्रमुख स्टॉक्स
निफ्टी 50 पर शीर्ष पांच लाभकर्ताओं में आईटी शेयरों का दबदबा रहा। विशेष रूप से, एलटीआईमाइंडट्री के शेयरों में 7 प्रतिशत की उछाल आई, जिसे कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने ‘कम करें’ से ‘जोड़ें’ में अपग्रेड किया और इसका लक्ष्य मूल्य बढ़ाकर 6,200 रुपये कर दिया। इस अपग्रेड का मुख्य कारण कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा कंपनी के खिलाफ 378 करोड़ रुपये के कर आदेश पर रोक लगाना है।
इसके अलावा, इंफोसिस, विप्रो, और टीसीएस जैसे अन्य आईटी शेयरों में भी 2.5-4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो इस क्षेत्र में सुधार की दिशा में बढ़ते आशावाद का संकेत है। इस तेजी के साथ, आईटी क्षेत्र ने निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर प्रस्तुत किया है, जिसमें भविष्य में और भी वृद्धि की संभावना है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विशेषज्ञों के विचारों पर आधारित है। निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।