कैंसर दवाओं पर जीएसटी में कटौती से दवा कंपनियों के शेयरों में उछाल
भारत में दवा और अनुबंध दवा निर्माण कंपनियों (CDMO) के शेयरों में सोमवार को तेज उछाल देखा गया। इसका प्रमुख कारण जीएसटी परिषद की बैठक में तीन महत्वपूर्ण कैंसर दवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती का निर्णय था। इन दवाओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दी गई, जिससे दवा उद्योग को बड़ी राहत मिली और इसके परिणामस्वरूप प्रमुख कंपनियों के शेयरों में वृद्धि दर्ज की गई।
प्रमुख कैंसर दवाओं पर करों में राहत
ट्रैस्टुजुमाब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब, और डर्वालुमैब जैसी तीन प्रमुख कैंसर दवाओं पर जीएसटी में कमी की गई है। इन दवाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज में किया जाता है, जिनमें स्तन कैंसर, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC), पित्ताशय, एंडोमेट्रियल और लिवर कैंसर शामिल हैं।
यह निर्णय मरीजों और दवा कंपनियों दोनों के लिए राहत लाने वाला साबित हुआ है। दवाओं की लागत में कमी से कैंसर के इलाज को और सुलभ बनाया जा सकेगा, जिससे बड़ी संख्या में मरीज लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय बजट 2024 की राहत
कैंसर दवाओं पर जीएसटी में कटौती से पहले, केंद्रीय बजट 2024 में इन दवाओं पर 10% सीमा शुल्क हटाने का निर्णय भी लिया गया था। इस कदम ने दवाओं की लागत में और कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ट्रैस्टुजुमाब डेरक्सटेकन का उपयोग स्तन और फेफड़ों के कैंसर के इलाज में होता है, जबकि ओसिमर्टिनिब का इस्तेमाल कुछ प्रकार के एनएससीएलसी रोगियों के इलाज में किया जाता है। डर्वालुमैब, जो पित्ताशय, लिवर और एंडोमेट्रियल कैंसर के इलाज में प्रयोग की जाती है, का निर्माण लॉरस लैब्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
प्रमुख कंपनियों के शेयरों में उछाल
जीएसटी में कटौती और सीमा शुल्क में छूट की घोषणा के बाद, दवा कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। प्रमुख दवा कंपनियों ने इस कदम से लाभ उठाया:
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एस्ट्राजेनेका इंडिया: एस्ट्राजेनेका इंडिया के शेयरों में 4.3% की वृद्धि हुई, जिससे यह बीएसई पर 7,069 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर पहुंच गया। एस्ट्राजेनेका इन तीनों कैंसर दवाओं का उत्पादन भारत में करती है।
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एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स: एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स, जो ओसिमर्टिनिब का निर्माण करती है, के शेयरों में 2.6% की बढ़त देखी गई, जिससे इसका शेयर मूल्य 1,236 रुपये प्रति शेयर हो गया।
निष्कर्ष
कैंसर दवाओं पर जीएसटी और सीमा शुल्क में छूट से दवा कंपनियों के शेयरों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इन कंपनियों को लाभ मिलने के साथ-साथ मरीजों के लिए कैंसर के इलाज की लागत में कमी आना एक बड़ी राहत साबित होगी। इस निर्णय से न केवल दवा उद्योग को मजबूती मिली है, बल्कि कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए भी सस्ती चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।