ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में 15% की उछाल

ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में 15% की उछाल, सोनी के साथ विवाद सुलझा, जानिए एक्सपर्ट्स ने क्या कहा

ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में 15% की उछाल: सोनी के साथ विवाद सुलझने के बाद निवेशकों में बढ़ी उम्मीद

ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयरों में 15% की उछाल

27 अगस्त को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के शेयरों में अचानक से 15% तक की उछाल दर्ज की गई। यह तेजी तब आई जब मीडिया कंपनी ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) के साथ चल रहे विवाद को सुलझाने की घोषणा की। इस खबर के बाद ज़ी के शेयर का मूल्य 154.9 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंच गया, और दिन के अंत में 147.7 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से लगभग 10% अधिक था।

सोनी और ज़ी के बीच विवाद और उसका निपटारा

जनवरी 2024 में, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने ज़ी के साथ प्रस्तावित $10 बिलियन के विलय को रद्द कर दिया था। इस निर्णय का कारण ज़ी द्वारा विलय समझौते की शर्तों का उल्लंघन था, जिसके चलते सोनी ने 90 मिलियन डॉलर की समाप्ति शुल्क की मांग की थी। इसके जवाब में, ज़ी ने भी सोनी और उसकी इकाई बांग्ला एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (BEPL) से 750 करोड़ रुपये की समाप्ति शुल्क की मांग की थी।

हालांकि, 27 अगस्त को ज़ी ने घोषणा की कि दोनों कंपनियों ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में चल रहे मध्यस्थता के मामले को सुलझा लिया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ सभी दावों को वापस लेने और NCLT सहित सभी कानूनी कार्यवाहियों को समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की है।

समझौते के बाद भविष्य की संभावनाएँ

इस समझौते के बाद, ज़ी और सोनी दोनों कंपनियों के बीच कोई भी बकाया या दायित्व नहीं रहेगा। यह समझौता दोनों कंपनियों के बीच आपसी समझ से हुआ है, ताकि वे भविष्य में स्वतंत्र रूप से विकास के नए अवसरों को तलाश सकें और मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में अपने उद्देश्यों को नए सिरे से आगे बढ़ा सकें।

विलय रद्द होने के कारण और परिणाम

सितंबर 2021 में, ज़ी के निदेशक मंडल ने सोनी के साथ मेगा-विलय की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। लेकिन इस साल 22 जनवरी को, $10 बिलियन का यह सौदा रद्द कर दिया गया। इसका प्रमुख कारण यह था कि विलय के बाद बनी इकाई का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर दोनों कंपनियों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। सोनी ने ज़ी के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका के नेतृत्व पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिससे विलय की प्रक्रिया में बाधा आई थी।

सोनी ने बाद में सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में $90 मिलियन के समाप्ति शुल्क के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की थी, जिसका ज़ी ने विरोध किया और कानूनी कार्रवाई की थी।

बाजार में ज़ी के शेयरों की प्रतिक्रिया

सोनी के साथ सभी विवादों के सुलझने की खबर ने ज़ी के शेयरों में तेजी से उछाल लाया। यह न केवल निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है, बल्कि ज़ी और सोनी दोनों के लिए नए अवसरों के द्वार भी खोलता है। हालांकि विलय रद्द हो गया, लेकिन दोनों कंपनियों के बीच विवादों का निपटारा मीडिया और मनोरंजन उद्योग में उनके भविष्य के प्रयासों को मजबूती प्रदान कर सकता है।

निष्कर्ष

इस समझौते ने ज़ी के शेयरों में निवेशकों की रुचि को पुनर्जीवित किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में कंपनी कैसे अपने रणनीतिक कदमों को आगे बढ़ाती है और मीडिया उद्योग में अपनी स्थिति को और मजबूत करती है। निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि सभी निवेश जोखिमों के साथ आते हैं, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *