शेयर बाजार में 6 सितंबर 2024 की गिरावट: कारण और प्रभाव
6 सितंबर 2024 को भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी नुकसान हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में व्यापक बिकवाली, आर्थिक चिंताएं, बढ़ती ब्याज दरें और मंदी की संभावना थे। इस लेख में, हम इस गिरावट के प्रमुख कारणों और प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट
शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने भारी गिरावट दर्ज की:
- सेंसेक्स: 1,017 अंक (2.56%) की गिरावट के साथ 38,450.25 के स्तर पर बंद हुआ।
- निफ्टी: 315 अंक (1.25%) की गिरावट के साथ 24,965.80 के स्तर पर बंद हुआ।
इस गिरावट का सबसे अधिक असर बैंकिंग, ऑटो और आईटी सेक्टर पर पड़ा, जो कि बाजार में निवेशकों की कमजोर मनोदशा को दर्शाता है।
वैश्विक बाजारों का नकारात्मक प्रभाव
वैश्विक स्तर पर आई आर्थिक चिंताओं ने भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला:
- अमेरिका और यूरोप में मंदी की संभावना: अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी और चीन में आर्थिक मंदी की आशंकाओं ने वैश्विक निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजारों से भारी मात्रा में धन निकाला, जिससे बाजार में गिरावट और तेज हो गई।
बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर दबाव
बैंकिंग और आईटी सेक्टर में सबसे अधिक दबाव देखने को मिला। प्रमुख बैंकिंग शेयर जैसे:
- एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, और एसबीआई में भारी बिकवाली हुई।
- आईटी सेक्टर में भी इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, क्योंकि अमेरिकी बाजार में अनिश्चितता से इन कंपनियों की आय पर असर पड़ सकता है।
आगे की राह
इस गिरावट से यह स्पष्ट होता है कि बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और ब्याज दरों पर फैसले भारतीय बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे।