ट्रंप के बयान से भारतीय फार्मा कंपनियों में हलचल, निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
अमेरिकी टैरिफ की चेतावनी और फार्मा कंपनियों पर असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फार्मा उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इस घोषणा का असर भारतीय फार्मा कंपनियों पर साफ नजर आया, जिसके चलते निफ्टी फार्मा इंडेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई। कई दिग्गज कंपनियों के शेयर 10% तक गिर गए।
अमेरिका का फार्मा बाजार: भारतीय कंपनियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा फार्मा बाजार है। भारत यहां सबसे ज्यादा जेनेरिक दवाएं सप्लाई करता है। अमेरिकी बाजार में बिकने वाली 40% से ज्यादा जेनेरिक दवाएं भारतीय कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं। अगर ट्रंप का 25% टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय दवा कंपनियों के मुनाफे पर सीधा असर पड़ेगा।
ट्रंप की सख्त नीति
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है, “यह टैरिफ 25% या उससे अधिक होगा, और इसे एक साल में और भी बढ़ाया जाएगा।” इस बयान के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली तेज हो गई।
प्रमुख फार्मा कंपनियों के शेयरों में गिरावट
Aurobindo Pharma: कारोबार के दौरान 10% गिरकर 52-वीक लो के करीब पहुंचा, हालांकि बाद में रिकवरी हुई।
Cipla और Lupin: क्रमशः 1% और 2.5% की गिरावट।
Ajanta Pharma: 3% तक नीचे गया।
Zydus Lifesciences: 4% तक की गिरावट।
Dr Reddy’s और Sun Pharma: कारोबार के दौरान 2% तक टूटे।
कुछ कंपनियां रहीं अछूती
Divi’s Laboratories और Torrent Pharma: इन कंपनियों के शेयरों में 2% तक की तेजी देखी गई।
इसका कारण ग्लोबल ब्रोकरेज मैक्वेयरी की रिपोर्ट है, जिसमें CRDMO (Contract Research & Development Manufacturing Organization) सेगमेंट में तेजी और नियामकीय सपोर्ट मिलने की बात कही गई है।
अगर 25% टैरिफ लागू हुआ तो क्या होगा?
अगर यह टैरिफ लागू होता है, तो भारतीय फार्मा कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी। नतीजतन, इन कंपनियों के मुनाफे में कमी हो सकती है। इसका प्रभाव निवेशकों की भावनाओं और शेयर बाजार पर साफ दिख सकता है।
निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
1. लंबी अवधि की सोच रखें: फार्मा सेक्टर में उतार-चढ़ाव सामान्य है। निवेशकों को घबराने के बजाय लंबी अवधि के लिए निवेश बनाए रखना चाहिए।
2. मजबूत कंपनियों का चयन करें: Divi’s Laboratories और Torrent Pharma जैसी कंपनियां, जो ग्लोबल ट्रेंड्स और रिसर्च आधारित व्यवसाय में मजबूत हैं, बेहतर विकल्प हो सकती हैं।
3. समाचारों पर नजर रखें: अमेरिकी नीतियों और भारतीय फार्मा सेक्टर पर उनकी प्रतिक्रिया को समझना जरूरी है।
निष्कर्ष:
ट्रंप का यह बयान भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, नियामकीय समर्थन और रणनीतिक निवेश से कंपनियां इस झटके से उबर सकती हैं। निवेशकों को सतर्क रहते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।