क्या Gensole घोटाले में Ashneer Grover का भी है नाम?
SEBI की ताज़ा जांच में Gensole Engineering Ltd और इसके प्रमोटर्स पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने Electric Vehicles (EVs) की खरीद के लिए लिए गए कर्ज़ का दुरुपयोग किया और फंड्स को निजी उपयोग और निवेशों में डायवर्ट किया गया।
EV खरीद के नाम पर लिए गए लोन का दुरुपयोग
SEBI की जांच में स्पष्ट हुआ है कि Gensole को IREDA और PFC से कुल ₹663.89 करोड़ का लोन मिला था, जिसका उद्देश्य 6,400 EVs की खरीद थी। लेकिन कंपनी ने केवल 4,704 EV ही खरीदे जिनकी लागत ₹567.73 करोड़ थी। शेष ₹262.13 करोड़ के उपयोग का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं दिखाया गया।
फंड्स का डायवर्जन Ashneer Grover के स्टार्टअप तक
SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, Gensole द्वारा डायवर्ट की गई राशि का एक हिस्सा Ashneer Grover के स्टार्टअप Third Unicorn Pvt. Ltd. में लगाया गया। Anmol Singh Jaggi ने इस कंपनी में ₹50 लाख निवेश कर 2,000 शेयर्स खरीदे थे और 31 मार्च 2024 तक वह कंपनी के शेयरहोल्डर भी रहे।
Promoters को मिले सीधे फंड्स
IREDA से मिले ₹171.30 करोड़ में से ₹37.5 करोड़ Anmol Singh Jaggi को सीधे ट्रांसफर किए गए। वहीं, PFC से मिले लोन में से ₹96.69 करोड़ प्रमोटर्स और उनकी संबंधित संस्थाओं के पास पहुंच गए।
Related Entities को मिले भारी फंड्स
Gensole से जुड़ी कंपनी Velray को FY 2023 और FY 2024 के दौरान ₹424.14 करोड़ प्राप्त हुए, जिनमें से ₹246.07 करोड़ सीधे Related Parties को ट्रांसफर किए गए। SEBI का कहना है कि इन ट्रांजैक्शंस का कोई व्यावसायिक आधार नहीं था और यह व्यक्तिगत हितों को साधने के लिए किया गया।
निजी खर्चों में कंपनी के पैसे का इस्तेमाल
जांच में यह भी पाया गया कि प्रमोटर्स ने कंपनी के पैसे से निम्नलिखित निजी खर्च किए:
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Mughda Kaur Jaggi (Anmol की पत्नी) को ₹2.98 करोड़ का ट्रांसफर
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₹26 लाख की Golf Kit की खरीद
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₹17.28 लाख की ज्वेलरी और एक्सेसरीज़
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Credit Card बिल और Real Estate की पेमेंट
Mughda Jaggi द्वारा स्थापित “Param Seva Foundation” नामक एक चैरिटी ट्रस्ट भी इस जांच के दायरे में है।
शेयर वैल्यू में हेरफेर का आरोप
SEBI ने यह भी बताया कि कंपनी ने अपने Promoter Entity Gensole Ventures Pvt. Ltd. को layered transactions के माध्यम से फंड ट्रांसफर कर अपने ही शेयर की कीमत को बढ़ाने की कोशिश की। इसके ज़रिए 97,445 इक्विटी शेयर्स का सब्सक्रिप्शन हुआ, जो Companies Act, Section 67 का उल्लंघन है।