भारतीय शेयर बाजार: सपाट शुरुआत की संभावना, वैश्विक बाजारों की कमजोर धारणा का असर | 26 अगस्त 2024
वैश्विक बाजारों की स्थिति:
आज प्री मार्केट 26 अगस्त 2024 भारतीय शेयर बाजारों में सपाट शुरुआत की संभावना जताई जा रही है, जो वैश्विक बाजारों में चल रही कमजोर धारणा का परिणाम हो सकती है। एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी शामिल हैं। निवेशक चीन के ताज़ा औद्योगिक लाभ के आंकड़ों पर करीब से नजर रखे हुए हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की धीमी गति का संकेत देते हैं। यह आंकड़े निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा रहे हैं और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
भारतीय बाजार की कल की स्थिति:
कल भारतीय शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख देखने को मिला, जहां निफ्टी 50 ने 25,000 अंक के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर लिया और सेंसेक्स में 600 अंकों से अधिक की बढ़त देखी गई। यह तेजी मुख्य रूप से संभावित यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती और भारत में आगामी त्योहारी सीजन की वजह से आई है। निवेशकों ने भारतीय बाजारों में फिर से विश्वास दिखाया है, जो संभावित आर्थिक सुधारों और मुद्रास्फीति में कमी की उम्मीदों से प्रेरित है।
अमेरिकी बाजार की स्थिति:
वॉल स्ट्रीट में कल का दिन मिश्रित रहा। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में हल्की बढ़त दर्ज की गई, जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक में गिरावट देखी गई, खासकर तकनीकी स्टॉक्स में। यह गिरावट उन निवेशकों के कारण हो सकती है जो संभावित फेड दर कटौती और वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर चिंतित हैं। सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब बनी हुई हैं, क्योंकि निवेशक भू-राजनीतिक तनाव और संभावित फेड दर कटौती के कारण सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं।
कच्चे तेल और मुद्रा बाजार:
तेल की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि लीबिया से संभावित निर्यात ठहराव के कारण यह अस्थिर रह सकता है। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अमेरिकी डॉलर ने आठ महीने के निचले स्तर से वापसी की है। इस परिदृश्य में निवेशक सावधानी से कदम रख रहे हैं, ताकि अस्थिर बाजार स्थितियों में नुकसान से बचा जा सके।
आने वाले हफ्ते की चुनौतियाँ और अवसर:
कुल मिलाकर, यह सप्ताह निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि वे विभिन्न आर्थिक डेटा और घटनाक्रमों पर नजर बनाए रखेंगे, जो बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं। इस सप्ताह आने वाला भारत और अमेरिका का जीडीपी डेटा और डेरिवेटिव एक्सपायरी बाजार की दिशा को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। अस्थिरता के इस दौर में निवेशकों के लिए सतर्कता बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, ताकि वे बाजार के जोखिमों से बच सकें और अपने निवेश को सुरक्षित रख सकें।