भारतीय शेयर बाजार में नई ऊंचाई स्थिर सरकार और बुल रन का प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को अपने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे मुख्य कारण देश में स्थिर सरकार की वापसी है, जो पिछले कुछ समय से चल रही बुल रन को निरंतरता देगी।
मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने टीवी चैनल ईटी नाउ के साथ विशेष बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
स्थिर सरकार का प्रभाव
रामदेव अग्रवाल के अनुसार, “हालिया राजनीतिक जनादेश को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मोटे तौर पर नीतियों में एक निरंतरता रहेगी। उस मोर्चे पर किसी समस्या का कोई सवाल ही नहीं है। अर्थव्यवस्था अपनी गति बनाए रखेगी। आप योजनाओं में कोई बड़ा या व्यापक बदलाव नहीं देखेंगे।”
चुनाव और बजट का महत्व
चुनाव और बजट दोनों ही भारतीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण हैं। चुनाव के नतीजों और बजट की घोषणाओं के बाद बाजार ने ऊर्ध्वगामी रैली दिखायी है। यदि यह रैली निरंतर जारी रही तो बाजार अगले पांच सालों में 15% सालाना कंपाउंडिंग के हिसाब से अपनी मौजूदा स्थिति को दोगुना कर सकता है।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण
रामदेव अग्रवाल का मानना है कि भारतीय बाजार में स्थिरता और निरंतरता बनी रहेगी। “चुनाव और बजट के बाद बाजार में जो रैली देखी जा रही है, वह आगे भी जारी रहेगी। अगले पांच सालों में बाजार का प्रदर्शन अगर 15% सालाना कंपाउंडिंग के हिसाब से रहा तो बाजार दोगुना हो सकता है।”
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में वर्तमान में जो तेजी देखी जा रही है, वह स्थिर सरकार और निरंतर नीतियों का परिणाम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रैली जारी रहेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार अगले कुछ सालों में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों को छू सकते हैं।