हुरुन इंडिया रिचलिस्ट 2023: भारत में अरबपतियों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि
नई दिल्ली, 29 अगस्त 2023: हुरुन इंडिया द्वारा हाल ही में जारी की गई रिचलिस्ट 2023 ने भारत में आर्थिक समृद्धि के नए आयामों को उजागर किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डॉलर के हिसाब से अरबपतियों की संख्या 334 तक पहुँच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 29% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाती है। यह आँकड़ा देश की आर्थिक मजबूती और उद्यमशीलता के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।
भारत में अरबपतियों की संख्या में वृद्धि
पिछले साल की तुलना में, हर पांच दिन में एक नया अरबपति उभर रहा था, जो भारत के आर्थिक विकास और नवाचार की दिशा में बढ़ते कदमों का संकेत है। इस साल की सूची में 17 नए लोगों का शामिल होना यह दर्शाता है कि भारत में धन के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो रही है।
हैदराबाद का उदय
हैदराबाद ने पहली बार बेंगलुरु को पछाड़ते हुए अमीरों की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जो इस शहर के आर्थिक विकास और नवाचार की ताकत को दर्शाता है। मुंबई और नई दिल्ली क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर बने हुए हैं, जो यह दर्शाता है कि ये शहर अभी भी देश की आर्थिक धुरी बने हुए हैं।
सबसे कम उम्र के अरबपति
इस साल की सूची में कई युवा उद्यमियों ने जगह बनाई है, जिसमें रेजरपे के संस्थापक हर्षिल माथुर और शशांक कुमार सबसे कम उम्र के अरबपति बने हैं, जिनकी उम्र मात्र 33 वर्ष है। वहीं, ज़ेप्टो के कैवल्य वोहरा, जिनकी उम्र 21 साल है, इस सूची में सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। इनके सह-संस्थापक आदित पालिचा, 22 वर्ष की उम्र में दूसरे सबसे कम उम्र के अरबपति बने हैं। इस सूची में 1990 के दशक में जन्मे 11 लोग शामिल हैं, जो युवा पीढ़ी के उद्यमशीलता में बढ़ते योगदान को दर्शाते हैं।
शाहरुख खान का शामिल होना
शाहरुख खान, जिनकी संपत्ति 7,300 करोड़ रुपये आंकी गई है, ने 58 वर्ष की उम्र में पहली बार हुरुन रिचलिस्ट में जगह बनाई है। उनकी संपत्ति में IPL टीम कोलकाता नाइट राइडर्स और उनकी फिल्म निर्माण कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी शामिल है।
भारत: एशिया का नया संपत्ति सृजन केंद्र
हुरुन इंडिया के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, “भारत अब एशिया में संपत्ति सृजन का नया इंजन बनकर उभर रहा है।” जहाँ एक ओर चीन में अरबपतियों की संख्या में 25% की गिरावट देखी गई, वहीं दूसरी ओर भारत में 29% की वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़े भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत भविष्य की ओर संकेत करते हैं, और आने वाले समय में और भी सकारात्मक विकास की उम्मीद जताते हैं।