शेयर बाजार में धैर्य और सही निवेश रणनीति: रामदेव अग्रवाल के विचार
शेयर बाजार ने कई लोगों को फर्श से अर्श तक पहुँचाया है, और इसमें कामयाब होने के लिए धैर्य की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आज के जितने भी सफल निवेशक हैं, उनकी सफलता की कहानी रातोंरात नहीं बनी। उन्होंने लंबी अवधि के लिए निवेश किया और धैर्य बनाए रखा।
रामदेव अग्रवाल का अनुभव और विचार
रामदेव अग्रवाल, जो मोतीलाल ओसवाल के को-फाउंडर हैं, का कहना है कि शेयर बाजार में आसानी से और तुरंत पैसा नहीं मिलता। यह बहुत धैर्यवान पैसा है, और जब मिलता है, तो बहुतायत में मिलता है। लेकिन इसके लिए धैर्य दिखाना जरूरी है।
अग्रवाल जी ने बताया कि उन्होंने शेयर बाजार में 1992 में निवेश करना शुरू किया, जब भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 200-250 बिलियन डॉलर की थी। आज यह 4 ट्रिलियन डॉलर है, और अगले 10 वर्षों में यह 8-10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में, बाजार भी ग्रोथ दिखाएगा, और निवेशकों का पोर्टफोलियो और मजबूत होगा।
निवेश के लिए धैर्य और सही दृष्टिकोण
अग्रवाल जी ने कहा कि बाजार में निवेश करने के लिए हमें कभी भी लीवरेज का सहारा नहीं लेना चाहिए। जितना खुद का पैसा निवेश करेंगे, उतना ही आत्मविश्वास रहेगा। बाजार में सट्टेबाज़ी से दूर रहना चाहिए और सही निवेश रणनीति अपनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एफ एंड ओ (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) अपने आप में एक बिजनेस है, और इसे एक बिजनेस की तरह देखा जाना चाहिए। निवेश, रिटर्न और धैर्य के साथ काम करना चाहिए।
धैर्यवान निवेश की शक्ति
अग्रवाल जी ने यह भी कहा कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है, लेकिन यह पैसा धैर्यवान लोगों का है। अगर आप धैर्य से निवेश करते हैं, तो आप 1 करोड़ को 10 करोड़ बना सकते हैं। लेकिन गलत कदमों के कारण, 10 करोड़ को 1 करोड़ में भी बदल सकते हैं।