Sensex-Nifty

Sensex-Nifty में 4 साल की सबसे बड़ी उछाल

Sensex-Nifty में 4 साल की सबसे बड़ी उछाल

 Sensex और Nifty की ऐतिहासिक उछाल

12 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला।

  • Sensex ने दिन के दौरान 3,000 अंकों की बढ़त दर्ज कर 82,495.97 के स्तर को छुआ।

  • Nifty 50 में भी 936.8 अंकों की तेजी के साथ यह 24,944.80 तक पहुंच गया।

यह बीते चार वर्षों की सबसे बड़ी एक-दिवसीय तेजी रही।
प्रतिशत के लिहाज से भी Sensex में 3.7% और Nifty में 3.8% की बढ़त दर्ज की गई।

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 इतिहास में सबसे बड़ी तेजी कब आई थी?

अब तक की सबसे बड़ी प्रतिशत बढ़त 1 फरवरी 2021 को बजट के दिन देखी गई थी, जब Sensex और Nifty दोनों में 4.7% से अधिक की उछाल आई थी।
अंकों के हिसाब से इससे पहले उल्लेखनीय तेजी 5 जून और 3 जून 2024 को देखी गई थी।

 वैश्विक हालात से Sentiment को मिला समर्थन

इस तेजी के पीछे वैश्विक भू-राजनीतिक और व्यापारिक स्थिरता बड़ी वजह रही:

  • भारत-पाक सीमा तनाव में कमी आने से निवेशकों के आत्मविश्वास में सुधार आया।

  • अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में राहत मिलने से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिरता बनी।

    • Jamieson Greer के अनुसार, अमेरिका ने चीन से आने वाले सामान पर टैरिफ को 145% से घटाकर 30% किया है।

    • चीन ने भी अमेरिकी सामान पर 10% टैरिफ कर दिया है।
      यह व्यवस्था 90 दिनों तक लागू रहेगी।

  • वहीं, Russia-Ukraine के बीच शांति वार्ता की खबरों से वैश्विक रिस्क सेंटिमेंट भी सकारात्मक हुआ है।

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FII का लगातार समर्थन बना रहा

Foreign Institutional Investors (FII) लगातार 16वें दिन Net Buyers बने रहे हैं और उनका कुल निवेश 6 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।

VSRK Capital के डायरेक्टर स्वप्निल अग्रवाल के अनुसार:

“बाजार की मौजूदा तेजी का आधार भू-राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक व्यापार में सुधार है। Risk-On Environment के कारण निवेशकों का रुझान शेयर बाजार की ओर बढ़ा है।”

 टेक्निकल आउटलुक Nifty और Bank Nifty

IndiaCharts के Rohit Srivastava के मुताबिक:

  • Nifty 50 के लिए अगला टारगेट 24,820 का स्तर है, और इसे पार करने पर नई तेजी की संभावना बनेगी।

  • Bank Nifty को 57,000 तक पहुंचने के लिए पहले 55,700 के ऊपर क्लोजिंग देनी होगी।

हालांकि Rohit Srivastava ने आगाह किया कि:

“बाजार की अगली दिशा US Dollar Strength, Bond Market Volatility और मैक्रोइकोनॉमिक संकेतकों पर निर्भर करेगी।”

इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों द्वारा हाल ही में Short Positions बंद किए जाने के चलते आगे Short Covering की संभावना कम हो गई है। ऐसे में अगली Rally के लिए घरेलू निवेशकों का मजबूत समर्थन ज़रूरी होगा।

निष्कर्ष

12 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में आई यह ऐतिहासिक तेजी केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके पीछे स्पष्ट रूप से वैश्विक स्थिरता, निवेशकों की मजबूत धारणा और टेक्निकल मजबूती थी। आने वाले समय में बाजार की दिशा अब वैश्विक आर्थिक संकेतकों और घरेलू निवेशकों की सक्रियता पर निर्भर करेगी।

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