भारत समेत ग्लोबल मार्केट्स के लिए अहम दिन 20 जनवरी
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे। उनकी नई नीतियां भारत सहित वैश्विक बाजारों और सरकारों के लिए एक चुनौती बन सकती हैं। ट्रंप की व्यापार और आव्रजन नीतियों का असर भारत के 6 प्रमुख सेक्टर्स पर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, TCS, Tata Motors, Bharti Airtel, और Rajesh Exports जैसे स्टॉक्स पर भी इसका प्रभाव संभव है।
1. EV Industry
भारत के EV सेक्टर पर ट्रंप नीतियों का प्रभाव गहरा हो सकता है। Tesla के सीईओ Elon Musk लंबे समय से भारतीय बाजार में प्रवेश की योजना बना रहे हैं। ट्रंप प्रशासन Tesla के पक्ष में टैरिफ को एक उपकरण के रूप में उपयोग कर सकता है, जिससे Tata Motors जैसी भारतीय कंपनियों को चुनौती मिलेगी।
2. Telecom और Internet Sector
SpaceX की Starlink सेवा भारत में आने के लिए प्रयासरत है। भारत के 95 करोड़ इंटरनेट यूजर्स इस क्षेत्र को आकर्षक बनाते हैं। हालांकि, Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी कंपनियों से उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। डिजिटल संप्रभुता के मुद्दों के चलते सरकार ने अभी अनुमति नहीं दी है।
3. IT Sector
ट्रंप की सख्त आव्रजन नीतियां भारतीय आईटी कंपनियों के लिए बाधा बन सकती हैं। H-1B वीजा पर दबाव और अमेरिका में स्थानीयकरण के जोर से TCS, Infosys, और HCL Tech जैसे दिग्गजों पर असर पड़ेगा।
4. Auto Components Sector
भारत का ऑटो पार्ट्स एक्सपोर्ट, जिसमें 27% हिस्सा अमेरिका को जाता है, ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की स्थिति में प्रभावित हो सकता है। Bharat Forge और Uno Minda जैसी कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
5. Solar Energy Sector
भारत की सोलर कंपनियां, जैसे Waaree Energies, अपनी आधी से ज्यादा बिक्री अमेरिका को करती हैं। ट्रंप की नई नीतियां इन कंपनियों पर दबाव बढ़ा सकती हैं।
6. Textile और Jewellery Sector
भारत का टेक्सटाइल और ज्वेलरी सेक्टर, खासतौर से Welspun और Rajesh Exports, ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने की स्थिति में गंभीर चुनौतियों का सामना कर सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों का असर भारतीय बाजारों पर गहरा हो सकता है। निवेशकों को सतर्क रहकर इन परिवर्तनों के लिए तैयार रहना होगा।