SBI का प्रदर्शन 2024
2024 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया। बैंक के शेयर ने 41.5% रिटर्न प्रदान किया, जो निफ्टी बैंक (13%) और निफ्टी 50 (17-18%) के प्रदर्शन से कहीं बेहतर है।
हालांकि, 11 दिसंबर को स्टॉक हल्की गिरावट के साथ ₹861.80 पर बंद हुआ।
2025 में SBI स्टॉक का भविष्य ₹1,000 का लक्ष्य?
विश्लेषकों की राय
- 27 विशेषज्ञों ने SBI के लिए ₹1,000 का टारगेट प्राइस दिया है।
- Jefferies ने SBI को ₹1,030 का टारगेट प्राइस दिया है, जो वर्तमान स्तर से 18% ऊपर है।
- Jefferies का कहना है कि SBI की Asset Quality और Earnings Outlook मजबूत बनी हुई है।
चुनौतियां (Bernstein का दृष्टिकोण)
- Bernstein के अनुसार, SBI की डिपॉजिट ग्रोथ निजी बैंकों के मुकाबले धीमी है।
- SBI का वैल्यूएशन फिलहाल फेयर है, और तेजी की संभावना सीमित है।
SBI की ग्रोथ को प्रभावित करने वाले प्रमुख फैक्टर्स
1. लोन ग्रोथ और MCLR
SBI के अधिकांश लोन MCLR पर आधारित हैं।
- इससे बैंक को RBI के ब्याज दरों में बदलाव से अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
2. FY25 की Earnings Growth
विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में SBI की अर्निंग्स ग्रोथ बेहतर रहेगी।
3. CRR Cuts और इसका असर
RBI द्वारा Cash Reserve Ratio (CRR) में कटौती से SBI के पास लोन देने के लिए अधिक फंड होगा।
- हालांकि, लंबी अवधि में बैंक को अपनी डिपॉजिट ग्रोथ को बढ़ाना होगा।
SBI का सितंबर तिमाही प्रदर्शन (FY24)
- SBI ने अपने डिपॉजिट ग्रोथ गाइडेंस को 12-13% से घटाकर 10-11% कर दिया।
- बैंक के पास सितंबर 2024 के अंत तक ₹50 लाख करोड़ का डिपॉजिट था।
- SBI का Credit-to-Deposit Ratio 67% है।
SBI बनाम प्राइवेट बैंक प्रतिस्पर्धा की स्थिति
SBI का मुकाबला निजी बैंकों जैसे HDFC Bank और ICICI Bank से है।
- हालांकि, सरकारी बैंक होने के कारण SBI को कंपारेटिव एडवांटेज मिलता है, लेकिन डिपॉजिट ग्रोथ और इनोवेशन के क्षेत्र में प्राइवेट बैंक आगे हैं।
निष्कर्ष क्या SBI में निवेश करना सही रहेगा?
Jefferies का नजरिया
- SBI का टारगेट ₹1,030।
- आशावादी दृष्टिकोण मजबूत Asset Quality और Earnings Outlook।
Bernstein का सुझाव
- सीमित अपसाइड पोटेंशियल।
- डिपॉजिट ग्रोथ को लेकर चिंता।
निवेशकों के लिए सलाह
SBI स्टॉक 2025 में संभावित ग्रोथ दिखा सकता है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेश से पहले डिपॉजिट ग्रोथ और बाजार की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है। अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।