भारतीय शेयर बाजार में आईटी और बैंकिंग सेक्टर का उछाल: 20 अगस्त 2024 का विश्लेषण
20 अगस्त 2024 को भारतीय शेयर बाजार ने अपनी शुरुआती बढ़त को मजबूत किया, जिसमें आईटी और बैंकिंग कंपनियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उछाल फेडरल रिजर्व की जुलाई की नीति बैठक के मिनट्स और जैक्सन होल संगोष्ठी में फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के भाषण से पहले आया है। निवेशक इन घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, क्योंकि ये अमेरिकी ब्याज दरों के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण संकेत दे सकते हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त
दोपहर के समय, सेंसेक्स 429.83 अंक या 0.53 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80,854.51 पर और निफ्टी 135.30 अंक या 0.55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,708.00 पर कारोबार कर रहे थे। यह वृद्धि आईटी और बैंकिंग कंपनियों के शानदार प्रदर्शन का नतीजा थी। बाजार में लगभग 1,948 शेयरों में तेजी आई, 1,394 शेयरों में गिरावट आई, और 87 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ, जो एक स्थिर बाजार भावना का संकेत देता है।
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स का प्रदर्शन
विस्तारित बाजार में, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने हेडलाइन इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। मिडकैप इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इनसेगमेंट्स ने इस साल की शुरुआत से ही निवेशकों का अधिक ध्यान आकर्षित किया है और सेंसेक्स को भी पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, उच्च मूल्यांकन की चिंताओं के कारण कुछ निवेशकों में सतर्कता भी बनी हुई है।
भारत का वोलैटिलिटी इंडेक्स (VIX) 2 प्रतिशत से अधिक गिरकर 14 पर आ गया, जो पिछले 5 सत्रों में 12 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। यह बाजार में घटते हुए उतार-चढ़ाव का संकेत है, जो आमतौर पर निवेशकों के लिए सकारात्मक माना जाता है।
सेक्टोरल प्रदर्शन
13 सूचकांकों में से, निफ्टी बैंक और आईटी सेक्टर ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। निफ्टी बैंक में 1.2 प्रतिशत और निफ्टी आईटी में 0.8 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयरों में तेजी के कारण बाजार में सकारात्मक धारणा बनी रही। विशेष रूप से, इंडसइंड बैंक के शेयरों में बड़ी बढ़त दर्ज की गई, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे पूर्ण स्वामित्व वाली परिसंपत्ति प्रबंधन सहायक कंपनी स्थापित करने की मंजूरी दी।
दूसरी ओर, एफएमसीजी और धातु सेक्टर में गिरावट देखी गई। टाटा स्टील, जिंदल स्टील, और अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई, जिससे इन सेक्टर्स ने बाजार के समग्र प्रदर्शन में योगदान नहीं दिया।
ग्लोबल संकेतक और एफआईआई की गतिविधि
अमेरिकी बाजारों ने लगातार आठ दिनों तक बढ़त दर्ज की, जिसने वैश्विक स्तर पर और भारत में भी इक्विटी बाजारों को समर्थन दिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि यह प्रवृत्ति जारी रह सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारत में बिकवाली जारी रख सकते हैं, क्योंकि अन्य उभरते बाजारों में मूल्यांकन अपेक्षाकृत आकर्षक है। इसके बावजूद, वित्तीय क्षेत्र में अभी भी मूल्यांकन के दृष्टिकोण से आकर्षण बना हुआ है, हालांकि जमा के लिए संघर्ष की वजह से भावनाएँ नकारात्मक बनी हुई हैं।
प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
निफ्टी में बढ़त वाले प्रमुख शेयर:
- एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस
- इंडसइंड बैंक
- एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस
- बजाज फिनसर्व
- श्रीराम फाइनेंस
निफ्टी में गिरावट वाले प्रमुख शेयर:
- ओएनजीसी
- अदानी एंटरप्राइजेज
- सिप्ला
- भारती एयरटेल
- टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स
सेंसेक्स में बढ़त वाले प्रमुख शेयर:
- इंडसइंड बैंक
- बजाज फिनसर्व
- एक्सिस बैंक
- अल्ट्राटेक सीमेंट
- बजाज फाइनेंस
सेंसेक्स में गिरावट वाले प्रमुख शेयर:
- भारती एयरटेल
- टाटा स्टील
- महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम)
- टाटा मोटर्स
- जेएसडब्ल्यू स्टील
ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स में विशेष हलचल
ऑलकार्गो लॉजिस्टिक्स के शेयरों में 12 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण कंपनी के जुलाई में शानदार कारोबार के नतीजे थे। कंपनी का जुलाई का एलसीएल (कंटेनर लोड से कम) वॉल्यूम 8.18 लाख क्यूबिक मीटर रहा, जो महीने-दर-महीने 6 प्रतिशत और साल-दर-साल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यह वॉल्यूम अगस्त 2022 में दर्ज की गई अब तक की सबसे ऊंची मासिक मात्रा के समान था।
निष्कर्ष
आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों में तेजी ने भारतीय शेयर बाजार को मजबूती प्रदान की, जबकि व्यापक बाजारों ने भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया। आने वाले दिनों में फेडरल रिजर्व के संकेत और वैश्विक बाजारों की दिशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। निवेशकों को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है, खासकर ऐसे समय में जब एफआईआई की गतिविधियाँ और वैश्विक आर्थिक कारक बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।