RBI का लिक्विडिटी बढ़ाने का बड़ा कदम
RBI की लिक्विडिटी बढ़ाने की योजना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी को कम करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के गवर्नमेंट बांड खरीदने का निर्णय लिया है। यह कदम Open Market Operations (OMO) के माध्यम से उठाया जाएगा और इसे तीन चरणों में लागू किया जाएगा
- 30 जनवरी, 13 फरवरी और 20 फरवरी को हर चरण में 20,000 करोड़ रुपये की खरीद होगी।
VRR और Dollar-Rupee Swap Auction
- VRR Auction
- 7 फरवरी को 50,000 करोड़ रुपये का Variable Rate Repo (VRR) ऑक्शन किया जाएगा।
- Dollar-Rupee Swap Auction:
- 31 जनवरी को 5 अरब डॉलर का स्वैप ऑक्शन आयोजित होगा।
- यह स्वैप 6 महीने की अवधि के लिए होगा।
30 जनवरी को OMO की डिटेल्स
पहले चरण के OMO में Multi-Security Auction के तहत निम्नलिखित सरकारी सिक्योरिटीज शामिल होंगी
- 7.59% G-Sec 2029
- 7.18% G-Sec 2033
- 7.10% G-Sec 2034
- 6.79% G-Sec 2034
- 7.18% G-Sec 2037
ऑक्शन टाइम सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे
मेथड Multi-Price Method
बैंकिंग सिस्टम में नकदी की स्थिति
RBI ने बताया कि बैंकिंग सिस्टम में तरलता घाटा (Liquidity Deficit) गंभीर है।
- Liquidity Deficit ₹3.13 लाख करोड़
- Cash Shortage 14 जनवरी तक ₹2.09 लाख करोड़
नकदी की कमी के कारण
- High Deposit Costs का बढ़ता बोझ।
- FPI (Foreign Portfolio Investors) द्वारा भारतीय बाजार से निकासी।
- वैश्विक आर्थिक स्थितियां, जैसे ट्रंप की टैरिफ रणनीति।
Daily VRR Auction की घोषणा
RBI ने 15 जनवरी को नकदी संकट की समीक्षा के बाद Daily VRR Auctions की शुरुआत की।
- ये ऑक्शन हर कार्यदिवस पर होंगे।
- अगले दिन ऑक्शन रिवर्स किया जाएगा।
निष्कर्ष
RBI के ये उपाय भारतीय बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ाने और नकदी संकट को कम करने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। इन प्रयासों से न केवल बैंकिंग सेक्टर को स्थिरता मिलेगी, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अस्वीकरण यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। निवेश से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करें।