अमेरिकी टैरिफ के असर से निवेशकों में चिंता
आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर लगाए गए टैरिफ को माना जा रहा है। निवेशकों को चिंता है कि आने वाले समय में अमेरिका भारत पर भी टैरिफ लगा सकता है, जिससे बाजार पर और दबाव बढ़ सकता है।
बाजार में बड़ी गिरावट, 5 लाख करोड़ का नुकसान
भारतीय बाजार खुलते ही एक बड़ी गिरावट के साथ ट्रेडिंग शुरू हुई, जिससे बाजार का कुल नुकसान 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
इसके अलावा, एशियाई बाजारों में भी नकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है, जो वैश्विक अनिश्चितता को दर्शाता है।
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के 5 मुख्य कारण
1. अमेरिकी टैरिफ से वैश्विक बाजार में अनिश्चितता
ट्रंप प्रशासन द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भारी टैरिफ लगाए जाने से वैश्विक व्यापारिक माहौल में चिंता बढ़ गई है। निवेशक इस बात को लेकर आशंकित हैं कि आगे चलकर भारत पर भी टैरिफ लगाया जा सकता है।
2. अमेरिकी डॉलर में मजबूती और ट्रेड वॉर का प्रभाव
- अमेरिकी डॉलर, चीनी युवान के मुकाबले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।
- ट्रेड वॉर के कारण डॉलर में भारी उछाल देखा जा रहा है, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में अमेरिकी डॉलर की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
- इससे भारतीय रुपये पर दबाव बन सकता है, जो बाजार के लिए एक नकारात्मक संकेत है।
3. अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी
- अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में 3.6 अंकों की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह 4.274% के स्तर पर पहुंच गया है।
- यह एक सप्ताह का उच्चतम स्तर है, जो दर्शाता है कि निवेशक अधिक रिटर्न के लिए अमेरिकी बाजार की ओर रुख कर रहे हैं।
- इससे भारतीय और अन्य उभरते बाजारों में निवेश प्रवाह प्रभावित हो सकता है।
4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ी
- भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
- सोमवार को भी बाजार में बड़ी बिकवाली देखने को मिली, जिससे बाजार में और गिरावट आई।
5. कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल
- अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है।
- भारत एक बड़ा तेल आयातक देश है, इसलिए तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से बाजार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
निष्कर्ष आगे बाजार का क्या रहेगा रुझान?
भारतीय शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे वैश्विक घटनाक्रम और अमेरिकी नीतियों का प्रभाव प्रमुख रूप से देखा जा रहा है।