हवाई कनेक्टिविटी

बजट 2025 छोटे शहरों की हवाई कनेक्टिविटी को मिलेगी नई उड़ान

 छोटे शहरों की हवाई कनेक्टिविटी को मिलेगी नई उड़ान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में उड़ान (UDAN) योजना के तहत 120 नए हवाई रूट जोड़ने की घोषणा की है। इसके लिए नागर विमानन मंत्रालय को ₹2,400 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। हालांकि, यह पिछले वर्ष के ₹2,658 करोड़ से 10% कम है।

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क्या है उड़ान (UDAN) योजना?

उड़ान (Ude Desh Ka Aam Nagrik) योजना 2016 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य छोटे और मझोले शहरों को सस्ती हवाई सेवाएं प्रदान करना है। इसके तहत सरकारी सब्सिडी के जरिए नए हवाई रूट खोले जाते हैं, जिससे आम लोगों को किफायती दरों पर हवाई यात्रा की सुविधा मिलती है।

बजट 2025 में उड़ान योजना से जुड़े बड़े ऐलान

120 नए हवाई रूट जोड़े जाएंगे।
पूर्वोत्तर राज्यों और बिहार को प्राथमिकता दी जाएगी।
पटना एयरपोर्ट के विस्तार का कार्य जारी रहेगा।
नई ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने की योजना।
एविएशन सुरक्षा बजट ₹95 करोड़ तक बढ़ाया गया।

रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) के बजट में कटौती

इस बार रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) के बजट में 32% की कटौती की गई है। पिछले वित्त वर्ष में इसके लिए ₹800 करोड़ आवंटित किए गए थे, लेकिन इस बार यह घटकर ₹540 करोड़ हो गया है।

हालांकि, एविएशन सिक्योरिटी और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) का बजट बढ़ाया गया है—
DGCA को ₹330 करोड़ (₹30 करोड़ की वृद्धि)
एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) को ₹1,025.51 करोड़

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सड़क परिवहन को भी मिली बढ़ी हुई फंडिंग

सरकार ने केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को ₹2,87,333.16 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में ₹7,000 करोड़ अधिक है।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को सबसे ज्यादा फंडिंग

NHAI को ₹1,87,803 करोड़ का आवंटन किया गया।
रोड सेफ्टी पर जोर, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जाएगा।

उड़ान योजना का प्रभाव

छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ा जाएगा।
आम जनता को किफायती हवाई यात्रा का लाभ मिलेगा।
पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
पूर्वोत्तर और बिहार जैसे राज्यों में एयर कनेक्टिविटी सुधरेगी।

निष्कर्ष

बजट 2025 में छोटे शहरों की हवाई कनेक्टिविटी और सड़क परिवहन पर जोर दिया गया है। हालांकि, रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के बजट में कटौती चिंता का विषय हो सकता है, लेकिन एविएशन सिक्योरिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता देना एक सकारात्मक संकेत है।

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