FPI की बिकवाली

भारतीय शेयर बाजार में FPI की बिकवाली जारी

भारतीय शेयर बाजार में FPI की बिकवाली जारी

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है। फरवरी के पहले दो हफ्तों में ही FPI ने 21,272 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। जनवरी में भी 78,027 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री हुई थी।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 में अब तक FPI ने कुल 99,299 करोड़ रुपये के शेयरों से हाथ खींच लिया है

FPI की बिकवाली

FPI रणनीति पर Dollar Index का असर

Dollar Index गिरने पर बदल सकती है निवेश रणनीति

  • जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी. के. विजयकुमार के अनुसार, यदि Dollar Index में गिरावट आती है, तो FPI की निवेश रणनीति में बदलाव देखने को मिल सकता है।
  • 14 फरवरी 2025 तक, FPI ने भारतीय शेयरों में 21,272 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।

Global Trade War से FPI की चिंता बढ़ी

मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का मानना है कि –

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम इंपोर्ट पर नए टैरिफ लगाने और विभिन्न देशों पर रिसीप्रोकल टैरिफ लागू करने की घोषणा से बाजार में अस्थिरता बढ़ी है।
  • इससे वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर (Global Trade War) की आशंका पैदा हो गई है।

Emerging Markets में निवेश रणनीति का पुनर्मूल्यांकन

  • FPI निवेशक भारत सहित अन्य उभरते बाजारों (Emerging Markets) में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार कर रहे हैं
  • इसका मुख्य कारण वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितता और डॉलर की मजबूती है।

FPI की बिकवाली

Domestic Challenges का असर

वॉटरफील्ड एडवायजर्स के सीनियर डायरेक्टर (लिस्टेड इनवेस्टमेंट) विपुल भोवर के अनुसार –

  • भारतीय कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे
  • डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट
  • भारतीय एसेट्स की आकर्षण क्षमता में कमी

इन सभी कारणों से FPI भारत जैसे बाजारों में अपनी रणनीति में बदलाव कर रहे हैं

पिछले वर्षों में FPI का निवेश रुझान

वर्ष भारतीय शेयर बाजार में FPI निवेश/निकासी
2025 (अब तक) ₹99,299 करोड़ की बिकवाली
2024 ₹427 करोड़ का मामूली निवेश
2023 ₹1.71 लाख करोड़ का निवेश
2022 ₹1.21 लाख करोड़ की निकासी
  • 2024 में भी FPI ने सतर्क रुख अपनाया था, जबकि 2023 में निवेश का आंकड़ा काफी ऊंचा था।
  • 2022 में भी FPI ने भारतीय बाजार से भारी निकासी की थी

FPI की Bond Market में दिलचस्पी बनी हुई

  • फरवरी में अब तक FPI बॉन्ड मार्केट में शुद्ध खरीदार (Net Buyer) बने हुए हैं
  • जनरल लिमिट के तहत ₹1,296 करोड़ और वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) के जरिए ₹206 करोड़ का निवेश किया गया है।

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