भारतीय बाजार में ऐतिहासिक गिरावट का खतरा
भारतीय शेयर बाजार भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। फरवरी 2025 में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगभग 4 प्रतिशत गिर चुके हैं। अगर निफ्टी लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद होता है, तो यह 1996 के बाद की सबसे लंबी गिरावट होगी।
ऑलटाइम हाई से अब तक की गिरावट
- 26 सितंबर 2024 को सेंसेक्स और निफ्टी ने अपना ऑलटाइम हाई छुआ था।
- इसके बाद से सेंसेक्स 12.98 प्रतिशत और निफ्टी 13.8 प्रतिशत तक गिर चुका है।
- दोनों इंडेक्स अब 8 महीने के निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।
अगर यह गिरावट जारी रही, तो निफ्टी लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद होगा, जो 1996 के बाद पहली बार होगा।
पिछली बड़ी गिरावटें
- भारतीय शेयर बाजार में इतनी लंबी गिरावट आखिरी बार 1996 में हुई थी।
- जुलाई से नवंबर 1996 तक 5 महीने लगातार निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ था।
- 2008 की वैश्विक मंदी और 2020 की कोरोना महामारी के बावजूद इतनी लंबी गिरावट देखने को नहीं मिली थी।
- भारतीय शेयर बाजार में अब तक की सबसे लंबी गिरावट 1994-95 में दर्ज हुई थी, जब निफ्टी लगातार 8 महीने तक गिरा था।
भारतीय बाजार दुनिया के सबसे कमजोर बाजारों में शामिल
- 2025 में अब तक निफ्टी 6 प्रतिशत गिर चुका है।
- यह सभी इमर्जिंग मार्केट्स में तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार बन गया है।
- थाईलैंड (-10%) और फिलीपींस (-6.7%) भारतीय बाजार से अधिक गिर चुके हैं।
अन्य बाजारों का प्रदर्शन
जबकि भारतीय बाजार गिर रहा है, कुछ अन्य बाजारों ने मजबूत रिटर्न दिया है:
- हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 16.4 प्रतिशत की तेजी के साथ 2025 का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार बना।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 14 प्रतिशत बढ़ा।
गिरावट के प्रमुख कारण
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कई कारक हैं:
- कमजोर तिमाही नतीजे – कई कंपनियों के वित्तीय नतीजे उम्मीद से कमजोर आए हैं।
- विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली – वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण FIIs भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं।
- डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी – इससे व्यापार में अनिश्चितता बढ़ी है, जिससे बाजार प्रभावित हुआ है।
- ब्याज दरों में वृद्धि – ऊंची ब्याज दरों के कारण बाजार में लिक्विडिटी घटी है, जिससे निवेशकों की धारणा कमजोर हुई है।
क्या भारतीय बाजार अभी भी महंगा है?
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में अभी भी महंगा है:
- शंघाई कंपोजिट 12.3 गुना फॉरवर्ड अर्निंग पर ट्रेड कर रहा है।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी 9.3 गुना फॉरवर्ड अर्निंग पर है।
- निफ्टी 50 अभी भी 18.7 गुना फॉरवर्ड अर्निंग पर ट्रेड कर रहा है।
ब्रोकरेज हाउस की राय
- कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि भारतीय बाजार में आगे भी दिशाहीनता बनी रह सकती है।
- उनका मानना है कि स्मॉल और मिडकैप शेयरों पर मंदी का असर जारी रहेगा।
- दूसरी ओर, सिटीग्रुप ने भारतीय बाजार को लेकर पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की है।
- उन्होंने भारतीय शेयरों की रेटिंग न्यूट्रल से ओवरवेट कर दी है और कहा है कि भारतीय बाजार की स्थिति बाकी इमर्जिंग मार्केट्स से बेहतर रहेगी।