1 अप्रैल 2025 से TDS और TCS के नए नियम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में TDS (Tax Deducted at Source) और TCS (Tax Collected at Source) से जुड़े कुछ अहम बदलाव किए हैं। ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
इन बदलावों का फायदा खासतौर पर सीनियर सिटीजंस, मकान मालिकों, स्टॉक मार्केट निवेशकों और विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगा। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
1. ब्याज आय (Interest Income) पर TDS के नए नियम
सीनियर सिटीजंस को राहत
- पहले 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर TDS नहीं लगता था, अब यह सीमा 1,00,000 रुपये कर दी गई है।
- अन्य करदाताओं के लिए यह सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है।
यह बदलाव बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य ब्याज आय पर टैक्स का बोझ कम करेगा।
2. किराए पर TDS के नए नियम (TDS on Rental Income)
किरायेदारों और मकान मालिकों को राहत
- पहले सालाना 2.4 लाख रुपये (20,000 रुपये प्रति माह) से अधिक किराए पर TDS काटना जरूरी था।
- अब यह सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये (50,000 रुपये प्रति माह) कर दी गई है।
इस बदलाव से रेंटल इनकम पर टैक्स बचत होगी और किराएदारों को TDS कटौती से राहत मिलेगी।
3. डिविडेंड इनकम (Dividend Income) पर TDS के नए नियम
शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए राहत
- पहले 5,000 रुपये से अधिक डिविडेंड आय पर TDS काटा जाता था।
- अब यह सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
इससे शेयर मार्केट निवेशकों को सीधा फायदा मिलेगा और म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पर टैक्स कम लगेगा।
4. विदेश पैसे भेजने पर TCS के नए नियम
विदेश में पढ़ाई और ट्रैवल करने वालों को राहत
- LRS (Liberalized Remittance Scheme) के तहत 7 लाख रुपये की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।
- अब 10 लाख रुपये तक विदेश भेजने पर कोई TCS नहीं लगेगा।
- विदेश में पढ़ाई के लिए लिए गए एजुकेशन लोन पर अब कोई TCS नहीं लगेगा।
इससे विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों और उनके माता-पिता को बड़ी राहत मिलेगी।
निष्कर्ष टैक्सपेयर्स के लिए राहतभरी खबर
सीनियर सिटीजंस को ब्याज पर अधिक छूट मिलेगी।
मकान मालिकों और किराएदारों को रेंटल इनकम पर TDS राहत मिलेगी।
स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड निवेशकों को डिविडेंड पर कम टैक्स लगेगा।
विदेश में पढ़ाई और यात्रा करने वालों के लिए TCS नियमों में राहत मिलेगी।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए TDS और TCS नियम टैक्सपेयर्स के लिए सुविधाजनक होंगे और टैक्स बचत में मदद करेंगे।