भारतीय शेयर बाजार में 1 मार्च को मॉक ट्रेडिंग सेशन
भारतीय शेयर बाजार आमतौर पर शनिवार और रविवार को बंद रहता है, लेकिन 1 मार्च 2025 (शनिवार) को NSE और BSE द्वारा मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य सिस्टम की कार्यक्षमता की जांच करना और संभावित तकनीकी समस्याओं की पहचान करना है।
किन सेगमेंट्स में होगी मॉक ट्रेडिंग?
BSE और NSE विभिन्न सेगमेंट्स में मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित करेंगे, जिनमें शामिल हैं
- इक्विटी सेगमेंट
- इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट
- करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट
- कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट
- इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) सेगमेंट
यूजर एक्सेप्टेंस टेस्टिंग (UAT) और थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म टेस्टिंग
- ट्रेडिंग मेंबर्स अपनी रेगुलेटरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मॉक ट्रेडिंग में भाग ले सकते हैं।
- जो ट्रेडिंग मेंबर्स थर्ड-पार्टी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, वे भी इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।
NSE मॉक ट्रेडिंग का समय
कैपिटल मार्केट (इक्विटी सेगमेंट)
प्राइमरी साइट ट्रेडिंग सेशन 1
- ब्लॉक डील विंडो सुबह 09:45 – 10:00
- प्री-ओपन मार्केट सुबह 10:00 – 10:08
- नॉर्मल मार्केट सुबह 10:15 – दोपहर 1:15
डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट ट्रेडिंग सेशन 2
- प्री-ओपन मार्केट दोपहर 2:00 – 2:08
- नॉर्मल मार्केट दोपहर 2:15 – 3:00
- क्लोजिंग सेशन दोपहर 3:10 – 3:20
- ट्रेड मॉडिफिकेशन समाप्त होने का समय 3:30
कमोडिटी और करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट
प्राइमरी साइट
- मार्केट खुलने का समय सुबह 10:00
- मार्केट बंद होने का समय दोपहर 1:15
डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट
- मार्केट खुलने का समय दोपहर 2:00
- मार्केट बंद होने का समय दोपहर 2:30
फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट एवं सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग मार्केट
प्राइमरी साइट
- मार्केट खुलने का समय सुबह 10:15
- मार्केट बंद होने का समय दोपहर 1:15
डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट
- मार्केट खुलने का समय दोपहर 2:15
- मार्केट बंद होने का समय दोपहर 3:00
BSE मॉक ट्रेडिंग का समय
- इक्विटी सेगमेंट सुबह 10:15 – दोपहर 3:30 (क्लोजिंग समय: 3:30 – 3:40)
- इक्विटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स और कमोडिटी डेरिवेटिव्स सुबह 10:15 – दोपहर 3:30
- इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (EGR) सेगमेंट सुबह 10:15 – दोपहर 3:30
मॉक ट्रेडिंग क्यों जरूरी है?
- सिस्टम की टेस्टिंग नए ट्रेडिंग सिस्टम और प्लेटफॉर्म की परख।
- संभावित समस्याओं की पहचान तकनीकी खराबियों और अन्य मुद्दों का समाधान।
- ट्रेडर्स के लिए अवसर नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और विभिन्न फंक्शनैलिटीज को टेस्ट करने का मौका।