NAPS ग्लोबल इंडिया

NAPS ग्लोबल इंडिया का IPO 4 मार्च से खुला निवेश का सुनहरा मौका?

NAPS ग्लोबल इंडिया का IPO 4 मार्च से

टेक्सटाइल इंपोर्टर NAPS ग्लोबल इंडिया 4 मार्च से अपना 11.88 करोड़ रुपये का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) ला रहा है। यह मार्च 2024 का पहला SME IPO होगा और इसकी क्लोजिंग 6 मार्च को होगी।

NAPS ग्लोबल इंडिया

IPO की डिटेल्स

  • इश्यू साइज 11.88 करोड़ रुपये
  • नए शेयर जारी 13.20 लाख इक्विटी शेयर
  • ऑफर फॉर सेल (OFS) नहीं होगा (संपूर्ण राशि कंपनी को मिलेगी)
  • इश्यू प्राइस 90 रुपये प्रति शेयर
  • लॉट साइज 1600 शेयर

यह IPO BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होगा, जिससे छोटे निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर बन सकता है।

IPO शेड्यूल और लिस्टिंग डेट

इवेंट तारीख
IPO ओपनिंग 4 मार्च 2024
IPO क्लोजिंग 6 मार्च 2024
अलॉटमेंट फाइनल 7 मार्च 2024
लिस्टिंग डेट (संभावित) 11 मार्च 2024

NAPS ग्लोबल इंडिया

कंपनी का बिजनेस मॉडल

NAPS ग्लोबल इंडिया मुख्य रूप से कॉटन और मैन-मेड फैब्रिक्स को चीन और हांगकांग से बल्क में इंपोर्ट करती है और फिर महाराष्ट्र की गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के वेंडर्स को सप्लाई करती है।

IPO का मैनेजमेंट और रिजर्वेशन

  • बुक रनिंग लीड मैनेजर आर्यमान फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड
  • रजिस्ट्रार कैमियो कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड
  • IPO रिजर्वेशन
    • 50 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए
    • 50 प्रतिशत हिस्सा अन्य कैटेगरी इनवेस्टर्स के लिए

IPO फंडिंग का उपयोग कहां होगा?

  • वर्किंग कैपिटल जरूरतें 9.19 करोड़ रुपये
  • सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों 1.69 करोड़ रुपये
  • IPO से जुड़े खर्च शेष राशि

कंपनी पर अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान 1.68 करोड़ रुपये की उधारी थी, जिसे कम करने के लिए यह फंडिंग सहायक हो सकती है।

NAPS ग्लोबल इंडिया की वित्तीय स्थिति

  • FY 2023-24

    • कुल रेवेन्यू 47.88 करोड़ रुपये
    • शुद्ध मुनाफा 1.45 करोड़ रुपये
  • अप्रैल-दिसंबर 2024

    • कुल रेवेन्यू 52.83 करोड़ रुपये
    • शुद्ध मुनाफा 1.53 करोड़ रुपये

कंपनी की मुनाफा बढ़ाने की क्षमता और रेवेन्यू ग्रोथ इसकी मजबूती को दर्शाते हैं।

क्या निवेशकों को इस IPO में निवेश करना चाहिए?

सकारात्मक पक्ष

  • कंपनी का रेवेन्यू और मुनाफा बढ़ रहा है।
  • SME सेगमेंट में ग्रोथ की संभावनाएं हैं।
  • IPO से मिलने वाली राशि बिजनेस के विस्तार में सहायक होगी।

जोखिम

  • SME IPOs में लिक्विडिटी की समस्या हो सकती है।
  • ग्लोबल फैब्रिक इंपोर्ट डिमांड में बदलाव का असर पड़ सकता है।

क्या आप इस IPO में निवेश करने की सोच रहे हैं? हमें कमेंट में बताएं।

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