ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी कमी निवेशकों की बढ़ी चिंता
भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसके साथ ही रिकॉर्ड तोड़ ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी भारी गिरावट आई है।
- फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में वॉल्यूम कम हुआ है, जिससे रिटेल ट्रेडर्स की चिंता बढ़ गई है।
- इक्विटी और डेरिवेटिव सेगमेंट में फरवरी 2025 में पिछले साल की तुलना में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
- उतार-चढ़ाव और सेबी के नए नियमों के कारण निवेशक हतोत्साहित हो चुके हैं।
ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट
- बीएसई और एनएसई के इक्विटी सेगमेंट में एवरेज डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम फरवरी में 13% गिरा, जो 15 महीनों में सबसे निचला स्तर है।
- 2024 की तुलना में 44% की गिरावट दर्ज की गई, जो बाजार की स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती है।
गिरावट के पीछे मुख्य कारण
- सेबी द्वारा F&O में सट्टेबाजी रोकने के लिए कड़े कदम
- खुदरा निवेशकों की भागीदारी में कमी
- बाजार में लगातार बढ़ता उतार-चढ़ाव
- विनियामक प्रतिबंधों के कारण निवेशकों में अनिश्चितता
सेबी के नए नियमों का असर
सेबी ने हाल ही में फ्यूचर एंड ऑप्शन मार्केट में सट्टेबाजी रोकने और खुदरा निवेशकों को बचाने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं।
- इन कड़े नियमों के कारण ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट आई है।
- खुदरा निवेशकों की सक्रियता भी कम हो गई है, जिससे बाजार में अस्थिरता और बढ़ गई है।
नितिन कामथ की चेतावनी STT से सरकारी राजस्व पर असर
Zerodha के संस्थापक नितिन कामथ ने कहा कि
- ट्रेडर्स की संख्या और वॉल्यूम में भारी गिरावट आई है।
- ब्रोकर एक्टिविटी में 30% से अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
- सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से सिर्फ 40,000 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है, जो पहले 80,000 करोड़ रुपये अनुमानित थी।