ETF क्या है

ETF क्या है? जानें एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश के फायदे

ETF क्या है?

भारतीय शेयर बाजार में अक्सर भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। हाई वोलैटिलिटी के कारण कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो को देखकर असमंजस में पड़ जाते हैं और तनाव महसूस करते हैं।

यदि आप बाजार की अस्थिरता से बचना चाहते हैं, तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) एक सरल और सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है। ETF में निवेश करने से कम वोलैटिलिटी और तनाव-मुक्त निवेश का लाभ मिलता है।

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) स्टॉक्स और कमोडिटी का एक प्री-डिसाइडेड बास्केट होता है, जो कई सिक्योरिटीज जैसे स्टॉक्स और कमोडिटी में निवेश करता है। यह किसी विशेष सूचकांक (Index), सेक्टर, या एसेट क्लास को ट्रैक करता है, जैसे:

  • निफ्टी 50 ETF – भारत की टॉप 50 कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।

  • गोल्ड ETF – सोने की कीमतों के प्रदर्शन को दर्शाता है।

ETF क्या है

ETF की खासियत


शेयर बाजार में लिस्टेड होते हैं – आप इन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर किसी भी समय खरीद या बेच सकते हैं।
कम लागत (Low Expense Ratio) – पारंपरिक म्युचुअल फंड की तुलना में ETF का व्यय अनुपात कम होता है।
कम जोखिम (Lower Risk) – चूंकि यह कई शेयरों और एसेट्स में निवेश करता है, इसलिए एक स्टॉक में गिरावट से पूरा निवेश प्रभावित नहीं होता।
फ्लेक्सिबिलिटी (Flexibility) – दिन भर में किसी भी समय ETF को खरीदा और बेचा जा सकता है।

भारत के कुछ बेहतरीन ETF

1. निप्पॉन इंडिया ETF निफ्टी 50 BEES

  • इंडेक्स ट्रैकिंग निफ्टी 50

  • निवेश भारत की टॉप 50 कंपनियों में

  • औसत वार्षिक रिटर्न 10-12%

  • व्यय अनुपात 0.05%

  • लंबी अवधि के लिए आदर्श विकल्प

2. निप्पॉन इंडिया ETF निफ्टी नेक्स्ट 50

  • इंडेक्स ट्रैकिंग निफ्टी नेक्स्ट 50

  • निवेश निफ्टी 50 के बाद की 50 बड़ी कंपनियों में

  • औसत वार्षिक रिटर्न 10-15%

  • व्यय अनुपात 0.20%

  • मिड-कैप ग्रोथ कंपनियों में निवेश के लिए उपयुक्त

ETF क्या है

3. एसबीआई ETF सेंसेक्स

  • इंडेक्स ट्रैकिंग सेंसेक्स

  • निवेश भारत की टॉप 30 कंपनियों में

  • औसत वार्षिक रिटर्न 10-12%

  • व्यय अनुपात 0.07%

  • स्थिर रिटर्न के लिए उपयुक्त विकल्प

ETF क्यों चुनें?

लॉन्ग-टर्म ग्रोथ – ETF दीर्घकालिक निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं।
कम लागत और अधिक पारदर्शिता – अन्य फंड्स की तुलना में कम खर्च और पूरी पारदर्शिता मिलती है।
जोखिम में संतुलन – डायवर्सिफिकेशन के कारण कम जोखिम।

अगर आप भारतीय शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं लेकिन अधिक वोलैटिलिटी से बचना चाहते हैं, तो ETF एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

क्या आप ETF में निवेश करने के लिए तैयार हैं? या फिर आपके पास कोई सवाल है? हमें कमेंट में बताएं!

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *