विस्तारा की अंतिम उड़ान 11 नवंबर को,

विस्तारा की अंतिम उड़ान 11 नवंबर को,इस एयरलाइन में होने जा रहा है विलय ,जानिए पूरी खबर

विस्तारा और एयर इंडिया का विलय: विस्तारा की अंतिम उड़ान और आगे की योजनाएँ

 

विस्तारा की अंतिम उड़ान 11 नवंबर को,

 

विस्तारा, जो सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह का संयुक्त उपक्रम है, ने घोषणा की है कि वह 11 नवंबर 2024 को अपनी अंतिम उड़ान संचालित करेगी। इसके बाद विस्तारा के सभी विमान एयर इंडिया के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत, विस्तारा के द्वारा संचालित सभी मार्गों के लिए बुकिंग अब एयर इंडिया की वेबसाइट पर की जाएगी।

विलय की प्रक्रिया और बुकिंग स्थिति

विस्तारा 11 नवंबर 2024 तक सामान्य रूप से बुकिंग लेना और उड़ानें संचालित करना जारी रखेगी। लेकिन 3 सितंबर 2024 से, ग्राहक 12 नवंबर 2024 को या उसके बाद की यात्रा के लिए विस्तारा के साथ बुकिंग नहीं कर पाएंगे। विलय के तहत, एयर इंडिया और विस्तारा की क्रॉस-फंक्शनल टीमें मिलकर काम कर रही हैं, ताकि दोनों एयरलाइनों के बीच का संक्रमण यथासंभव सहज हो सके।

विस्तारा के सीईओ का बयान

विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विनोद कन्नन, ने इस अवसर पर कहा, “हम पिछले 10 वर्षों में अपने सभी ग्राहकों के समर्थन के लिए आभारी हैं। यह विलय ग्राहकों को एक बड़े बेड़े और व्यापक नेटवर्क के साथ अधिक विकल्प प्रदान करेगा और समग्र यात्रा अनुभव को बेहतर बनाएगा।”

सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह की भूमिका

सिंगापुर एयरलाइंस, जो विस्तारा में 49% की हिस्सेदारी रखती है, ने 30 अगस्त को घोषणा की कि उसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए भारत सरकार की मंजूरी मिल गई है। इससे एयर इंडिया और विस्तारा के विलय की दिशा में एक महत्वपूर्ण बाधा दूर हो गई है। सिंगापुर एयरलाइंस ने नवंबर 2022 में टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की योजना की घोषणा की थी। इस विलय का उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक प्रमुख पूर्ण-सेवा एयरलाइन का निर्माण करना है।

विलय की समयसीमा और सिंगापुर एयरलाइंस का निवेश

विलय प्रक्रिया 2024 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है, जो मार्च के मूल लक्ष्य से विलंबित है। विलय के बाद, सिंगापुर एयरलाइंस संयुक्त एयर इंडिया समूह में 25.1% हिस्सेदारी रखेगी और 675.42 मिलियन डॉलर तक का निवेश करेगी।

टाटा समूह की रणनीति और भविष्य की दृष्टि

टाटा ने 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था, और अब इस विलय के साथ, वह एयरलाइन के बहु-मिलियन डॉलर के परिवर्तन की प्रक्रिया को और आगे बढ़ा रही है। यह विलय न केवल भारतीय विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह टाटा समूह के लिए भी एक रणनीतिक कदम है जो एयर इंडिया को एक ग्लोबल एयरलाइन के रूप में स्थापित करने की दिशा में बढ़ रहा है।

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