घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में कटौती: केंद्र सरकार का निर्णय
केंद्र सरकार ने 31 अगस्त से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 11.9 प्रतिशत घटाकर 1,850 रुपये प्रति टन कर दिया है। इस फैसले का उद्देश्य घरेलू तेल उत्पादकों को राहत देना है, जबकि डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को शून्य पर बरकरार रखा गया है। आइए जानते हैं कि यह निर्णय क्यों लिया गया और इसका घरेलू और वैश्विक बाजारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
विंडफॉल टैक्स में हालिया संशोधन
16 अगस्त को केंद्र सरकार ने विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) या विंडफॉल टैक्स में 54.3 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे यह 4,600 रुपये से घटकर 2,100 रुपये प्रति टन हो गया। हालांकि, डीजल और एटीएफ पर यह कर पहले की तरह शून्य पर ही रखा गया। जुलाई 2022 में सरकार ने यह टैक्स पहली बार लागू किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य कच्चे तेल के उत्पादकों को नियंत्रित करना और घरेलू बाजार में ईंधन की आपूर्ति को प्राथमिकता देना था। बाद में, इस कर का विस्तार करके इसमें गैसोलीन, डीजल और एटीएफ के निर्यात को भी शामिल किया गया।
विंडफॉल टैक्स का उद्देश्य
विंडफॉल टैक्स का उद्देश्य निजी रिफाइनरों को कच्चे तेल और अन्य ईंधनों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च कीमतों पर बेचने से रोकना है। इसके बजाय, यह टैक्स उन्हें घरेलू बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है। सरकार हर पखवाड़े इस टैक्स को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और उत्पाद की कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव के आधार पर संशोधित करती है। यह टैक्स तब लगाया जाता है जब किसी उद्योग को अप्रत्याशित रूप से बड़ा मुनाफा होता है, जो सामान्यत: किसी असाधारण परिस्थिति के कारण होता है।
वैश्विक तेल बाजार की स्थिति
30 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, और यह गिरावट साप्ताहिक स्तर पर जारी रही। इस गिरावट का मुख्य कारण ओपेक+ से अधिक आपूर्ति की चिंताएँ और लीबिया के उत्पादन में व्यवधान था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेंट क्रूड वायदा $1.10 या 1.38 प्रतिशत गिरकर $78.84 प्रति बैरल पर आ गया, जबकि यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड वायदा $1.95 या 2.57 प्रतिशत गिरकर $73.96 पर आ गया। यह गिरावट वैश्विक बाजार में अनिश्चितता को दर्शाती है, जो कि भारतीय सरकार के इस फैसले के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक भी हो सकती है।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार द्वारा घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में की गई कटौती से घरेलू तेल उत्पादकों को राहत मिली है। दूसरी ओर, डीजल और एटीएफ के निर्यात पर टैक्स को शून्य पर बनाए रखना घरेलू बाजार में इन ईंधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आपूर्ति से संबंधित चिंताएं भी इस फैसले के पीछे एक प्रमुख कारण हो सकती हैं। इस टैक्स नीति के माध्यम से सरकार देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और घरेलू उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने का प्रयास कर रही है।