अमेरिकी शेयर बाजार

क्या अमेरिकी शेयर बाजार अब नहीं रहा ग्लोबल इन्वेस्टर्स की पहली पसंद?

अमेरिकी शेयर बाजार पहली पसंद ?

Jefferies के ग्लोबल इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट क्रिस वुड ने अपनी लोकप्रिय रिपोर्ट Greed & Fear में जो बातें कही हैं, वो अमेरिकी बाजार के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं।

अमेरिकी बाजार पिछड़ सकता है, बाकी देश आगे निकलेंगे

वुड का मानना है कि आने वाले समय में अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया के अन्य बाजारों से पीछे रह सकता है। इसकी मुख्य वजह है:

  • अमेरिकी डॉलर की कमजोरी

  • ट्रेजरी बॉन्ड मार्केट में बिकवाली

  • टैरिफ पॉलिसी से जुड़ी राजनीतिक अस्थिरता

अमेरिकी शेयर बाजार

अमेरिकी डॉलर अब नहीं रहा उतना ताकतवर

क्रिस वुड ने कहा कि अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत – डॉलर – अब खतरे में है।

  • पहले बड़ी-बड़ी कंपनियों का लेन-देन डॉलर में होता था

  • इसे दुनिया की रिज़र्व करेंसी कहा जाता था

  • लेकिन अब डॉलर की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं

 डॉलर और बॉन्ड दोनों की भारी बिकवाली ने इन्वेस्टर्स में डर पैदा कर दिया है।

 अमेरिकी स्टॉक्स महंगे, निवेशकों का रुख अन्य देशों की ओर

वुड के मुताबिक

“अमेरिकी स्टॉक्स अभी भी 19.2 के PE Ratio पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि महंगे माने जाते हैं।”

इसका मतलब है कि इन्वेस्टर्स अब अमेरिका के बजाय:

  • भारत

  • चीन

  • साउथ कोरिया

  • और उभरते बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं।

अमेरिकी शेयर बाजार

 30 साल में पहली बार बदली इन्वेस्टर्स की सोच

क्रिस वुड ने कहा

“पिछले 30 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ था। अमेरिकी बाजार ही इन्वेस्टर्स की पहली पसंद होता था। लेकिन अब सब बदल चुका है।”

 निष्कर्ष क्या अमेरिका की चमक फीकी पड़ रही है?

क्रिस वुड की इस रिपोर्ट से एक बात तो साफ हो जाती है – ग्लोबल इन्वेस्टर्स अब अमेरिका पर उतना भरोसा नहीं कर रहे जितना पहले करते थे।

बाजार की दिशा अब उन देशों की ओर बढ़ रही है जहां

  • स्थिरता है

  • करेंसी मजबूत है

  • और स्टॉक्स महंगे नहीं हैं

 Disclaimer यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *