भारत के राष्ट्रपति का पोर्टफोलियो ?
भारत सरकार द्वारा जिन सार्वजनिक कंपनियों में निवेश किया जाता है, वे तकनीकी रूप से “President of India” के नाम पर दर्ज होती हैं। इसका यह मतलब है कि देश की सभी Public Sector Undertakings (PSUs) में सरकारी हिस्सेदारी आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति के नाम पर होती है। यह पोर्टफोलियो केवल वित्तीय दृष्टि से ही नहीं, बल्कि यह भारत की औद्योगिक, ऊर्जा, बैंकिंग और रक्षा नीतियों का भी प्रतिबिंब है।
1. बीमा और बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेश
LIC – Life Insurance Corporation of India
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निवेश राशि ₹3,87,366.40 करोड़
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हिस्सेदारी 18.96%
LIC न केवल भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, बल्कि यह सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं का भी प्रतीक है।
SBI – State Bank of India
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निवेश राशि ₹2,88,302.60 करोड़
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हिस्सेदारी 12.63%
SBI में सरकार की बड़ी हिस्सेदारी यह दिखाती है कि बैंकिंग प्रणाली में सरकारी भूमिका कितनी मजबूत है।
2. ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक निवेश
ONGC – Oil and Natural Gas Corporation
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₹1,17,393.50 करोड़ | 5.14%
देश की ऊर्जा ज़रूरतों की पूर्ति और ऊर्जा सुरक्षा के लिए यह निवेश बेहद अहम है।
Coal India
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₹92,904.10 करोड़ | 4.07%
भारत की कोयला आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत होने के कारण इसमें सरकारी निवेश स्वाभाविक है।
NTPC – National Thermal Power Corporation
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₹92,811.60 करोड़ | 4.06%
थर्मल पावर उत्पादन में अग्रणी, जो बिजली उत्पादन की रीढ़ है।
3. बैंकिंग सेक्टर में विविधता के साथ निवेश
सरकार की भागीदारी कई बैंकों में है, जैसे
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PNB ₹42,003.20 करोड़ (1.84%)
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Union Bank of India ₹40,346.10 करोड़ (1.77%)
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Bank of Baroda ₹38,181.80 करोड़ (1.64%)
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Canara Bank ₹37,144.50 करोड़ (1.60%)
इसके अलावा, IDBI Bank, Indian Bank, Bank of India और कई अन्य क्षेत्रीय बैंकों में भी निवेश किया गया है।
4. इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भागीदारी
रेलवे और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों को विकसित करने के लिए सरकार का निवेश इन कंपनियों में है:
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IRCON International
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RITES Ltd.
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Rail Vikas Nigam
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Container Corporation of India
इन सभी में ₹5,000 से ₹7,000 करोड़ तक का निवेश है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
5. रक्षा और भारी उद्योग में आत्मनिर्भरता की पहल
सरकार ने कई रक्षा और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में निवेश किया है, जैसे:
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BHEL – Bharat Heavy Electricals Ltd
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BEL – Bharat Electronics Ltd
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HAL – Hindustan Aeronautics Ltd
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BEML, GRSE, Mazagon Dock Shipbuilders
इन निवेशों का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
6. अन्य क्षेत्र उर्वरक, केमिकल और विविध
सरकार का फोकस केवल बड़े क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि कुछ छोटे लेकिन अहम क्षेत्रों में भी निवेश किया गया है:
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NFL – National Fertilizers Ltd
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RCF – Rashtriya Chemicals & Fertilizers
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IFCI, HMT, MOIL, MSTC
इनका निवेश भले ही ₹1,000–3,000 करोड़ के बीच हो, परंतु इनकी रणनीतिक भूमिका महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
भारत के राष्ट्रपति का पोर्टफोलियो केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक नीति-दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। सरकार के ये निवेश दर्शाते हैं कि बीमा, बैंकिंग, ऊर्जा, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर को राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा में रखा गया है। यह पोर्टफोलियो, वास्तव में, भारत की आर्थिक दिशा और प्राथमिकताओं का सजीव मानचित्र है।