Yes Bank

Yes Bank का पुनर्जन्म कैसे बैंक संकट से उभर कर फिर खड़ा हुआ

Yes Bank का पुनर्जन्म कैसे 

1. Moratorium से बाहर निकलने की कहानी

मार्च 2020 में जब Yes Bank को Moratorium में डाला गया था, तब यह बैंक डूबने की कगार पर था। लेकिन SBI के नेतृत्व में कई बैंकों ने मिलकर इसे संभाला और अब यह बैंक फिर से ग्रोथ के पथ पर लौटने को तैयार है। बीते पांच वर्षों में CEO प्रशांत कुमार ने जिस धैर्य और रणनीति से बैंक का कायाकल्प किया, वह आज एक सफल टर्नअराउंड स्टोरी बन चुकी है।

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2. शेयर प्राइस में गिरावट, लेकिन ऑपरेशन में स्थिरता

2018 में जहां Yes Bank का शेयर ₹393 तक पहुंच गया था, वहीं 2021 में यह ₹10.95 तक गिर गया। फिलहाल यह ₹17.77 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। हालांकि यह अब भी अपने शिखर से काफी नीचे है, लेकिन बैंक के फंडामेंटल्स अब पहले से कहीं मजबूत हैं।

3. RBI नियमों का सख्ती से पालन

प्रशांत कुमार के अनुसार, बैंक का पहला लक्ष्य RBI के सभी नियामकीय दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना था। इससे बैंक को दोबारा किसी संकट में पड़ने से रोका जा सका।

4. Risk कम करने के लिए रिटेल फोकस

Yes Bank ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए Secured Retail Loans पर फोकस किया। इसके परिणामस्वरूप बैंक की कॉरपोरेट लोन बुक ₹95,000 करोड़ से घटकर ₹53,000 करोड़ रह गई। यह कदम इसलिए जरूरी था ताकि बैंक का नेट NPA 6% के ऊपर न जाए और PCA (Prompt Corrective Action) से बचा जा सके।

5. PCA से बचाव और स्थिरता की ओर कदम

2020 में बैंक की स्थिति इतनी खराब थी कि ग्रॉस NPA 16.8% और नेट NPA 5.03% तक पहुँच गया था। अगर समय रहते ठोस निर्णय न लिए जाते, तो RBI द्वारा PCA फ्रेमवर्क लागू हो सकता था। प्रशांत कुमार के निर्णयों ने इस स्थिति से बैंक को सफलतापूर्वक बाहर निकाला।

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6. Secured Retail Loan Products की रणनीति

बैंक ने रिस्क से बचते हुए Car Loans और Prime Mortgage Loans जैसे सुरक्षित प्रोडक्ट्स को अपनाया। भले ही इन उत्पादों पर मार्जिन कम था, लेकिन उन्होंने बैंक को स्थिर और संतुलित ग्रोथ की दिशा में आगे बढ़ाया।

7. DSA नेटवर्क से रिटेल बिजनेस को बूस्ट

Yes Bank ने Direct Selling Agents (DSA) नेटवर्क को मजबूत किया। इसके चलते बैंक की रिटेल लोन बुक में 71% तक की हिस्सेदारी DSA चैनल से आने लगी, जिसने बैंक की ग्रोथ को नई रफ्तार दी।

निष्कर्ष

Yes Bank की यह यात्रा सिर्फ एक टर्नअराउंड स्टोरी नहीं, बल्कि रणनीति, नेतृत्व और नियामकीय अनुशासन का उदाहरण है। एक ऐसा बैंक जो डूबने की कगार पर था, आज दोबारा उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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