Dixon Technologies में जबरदस्त गिरावट
Dixon Technologies के शेयरों में बुधवार को जोरदार गिरावट दर्ज की गई।
इस गिरावट की वजह बनी JM Financial की वो रिपोर्ट जिसमें ब्रोकरेज फर्म ने कंपनी की रेटिंग घटाकर ‘Hold’ कर दी और टारगेट प्राइस भी घटा दिया।
Dixon के शेयरों में लगभग 8% तक की गिरावट देखी गई।
BSE पर शेयर 5.69% गिरकर ₹15,624.75 पर बंद हुआ।
दिन का लो रहा ₹15,272.75।
JM Financial ने रेटिंग में कटौती क्यों की? — 3 प्रमुख कारण
JM Financial ने Dixon की पहले की ‘Buy’ रेटिंग को ‘Hold’ में बदलते हुए टारगेट प्राइस ₹16,500 से घटाकर ₹15,650 कर दिया। इसके पीछे तीन ठोस कारण बताए गए:
Production Delays
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Vivo के साथ प्रोडक्शन स्टार्ट होने में देरी।
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HKC के साथ Display Sub-Assembly में दिक्कत।
PLI Scheme का समाप्त होना (2026)
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2026 के बाद Mobile PLI Scheme बंद हो जाएगी।
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जिससे competition बढ़ेगा और सभी कंपनियों को एक समान playing field मिलेगा।
High Valuation Pressure
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Dixon पहले से ही rich valuation पर ट्रेड कर रहा है।
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आगे upside की संभावना सीमित।
दूसरी ओर Nomura की राय अलग Buy Rating बरकरार
ब्रोकरेज फर्म Nomura Dixon को लेकर अब भी बुलिश है। उन्होंने
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Buy Rating बनाए रखी है
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टारगेट प्राइस ₹21,202 से बढ़ाकर ₹22,005 कर दिया है
Nomura Highlights
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मार्च तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर
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Mobile segment में मजबूत प्रदर्शन – घरेलू और एक्सपोर्ट दोनों में
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Acquisitions और Strategic Partnerships से फायदेमंद स्थिति
Dixon Technologies पर Mixed Analyst Consensus
Dixon को कवर करने वाले 33 प्रमुख एनालिस्ट्स की राय इस प्रकार है
रेटिंग | एनालिस्ट्स की संख्या |
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Buy | 20 |
Hold | 5 |
Sell | 8 |
Target Price Range
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सबसे ऊँचा ₹22,005 (Nomura)
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सबसे कम ₹8,696 (Morgan Stanley)
शेयर परफॉर्मेंस तेजी के बाद ठहराव
तारीख | स्तर |
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4 जून 2024 | ₹8,440.15 (52-Week Low) |
17 दिसंबर 2024 | ₹19,149.80 (All-Time High) |
All-Time High से अब तक ~18% की गिरावट
पिछले 6 महीनों में Dixon ने 126% से अधिक रिटर्न दिया है, लेकिन अब स्टॉक में कमजोरी के संकेत दिखने लगे हैं।
निवेशकों के लिए सलाह सतर्कता जरूरी
Dixon Technologies एक फास्ट ग्रोइंग मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, लेकिन मौजूदा प्राइस लेवल पर:
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High Valuation एक चिंता का विषय
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PLI स्कीम के खत्म होने का असर
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प्रोडक्शन लेवल पर चुनौतियां
Short Term में सतर्कता जरूरी है, लेकिन Long Term में strong fundamentals इसे एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।