1 Billion का मुनाफा

सिर्फ कुछ ही second में $1 Billion का मुनाफा

सिर्फ कुछ ही second में $1 Billion का मुनाफा

क्या है पूरा मामला?

भारतीय शेयर बाजार में ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर मार्केट मैनिपुलेशन (Market Manipulation) के आरोप लगने के बाद, SEBI ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जबकि NSE ने इस फर्म को पहले ही क्लीन चिट दे दी थी, अब नए खुलासों के बाद मामला फिर चर्चा में है।

1 Billion का मुनाफा

जनवरी 2025 से शुरू हुआ विवाद

जनवरी 2025 में NSE ने कुछ असामान्य ट्रेडिंग पैटर्न्स नोट किए जो कि Jane Street जैसी High-Frequency Trading (HFT) फर्मों से जुड़े थे। ये ट्रेड्स कुछ ही सेकंड्स के भीतर हुए लेकिन इतने प्रभावशाली थे कि उन्होंने बाजार की दिशा बदल दी। इससे कई ट्रेडर्स के stop-loss ट्रिगर हो गए और Jane Street को भारी मुनाफा हुआ।

कोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा $1 Billion का मुनाफा

Jane Street की प्रतिद्वंद्वी फर्म Millennium Management के साथ चल रहे कोर्ट केस के दौरान सामने आया कि Jane Street ने भारत में equity derivatives से $1 Billion (₹8,300 करोड़ से अधिक) का मुनाफा कमाया।

सुनवाई में यह भी खुलासा हुआ कि कुछ फर्में आपसी तालमेल (coordinated trading) के तहत काम कर रही थीं—जो संभवतः एक cartel का हिस्सा थीं।

1 Billion का मुनाफा

Cartel के संकेत Coordinated Market Manipulation

खास तौर पर April 2024 में हुए कुछ index expiries के दौरान इस cartel ने coordinated positions लीं, जिससे high-weightage वाले स्टॉक्स में तेज़ उतार-चढ़ाव आया। यह संकेत देता है कि कुछ बड़ी फर्में मिलकर market manipulation कर रही थीं।

Santosh Pasi का बयान और LPP उल्लंघन

जाने-माने ट्रेडर Santosh Pasi ने 18 अप्रैल 2024 को इन price movements पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि ट्रेडिंग के दौरान Limited Price Protection (LPP) रेंज को कई बार तोड़ा गया।

LPP का मकसद असामान्य उतार-चढ़ाव से बाजार को बचाना है। लेकिन जब ये बार-बार टूटे, तो यह दर्शाता है कि सिस्टम में खामियां हैं—और कुछ फर्में इन loopholes का फायदा उठा रही हैं।

SEBI की जांच और बाजार का भरोसा

यदि SEBI इन coordinated और manipulative ट्रेडिंग गतिविधियों को उजागर कर पाता है, तो इससे भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा और भी मजबूत होगा।

यह मामला यह भी दर्शाता है कि मजबूत रेगुलेटरी सिस्टम के बावजूद, कुछ ताकतवर फर्में आज भी system loopholes का फायदा उठाकर नुकसानदेह ट्रेडिंग को अंजाम दे रही हैं।

निवेशकों के लिए सीख

  • High-Frequency Trading और Algorithms का असर केवल बड़े निवेशकों पर नहीं, retail traders पर भी पड़ता है।

  • बाजार की पारदर्शिता बनाए रखना सिर्फ SEBI का नहीं, बल्कि सभी प्रतिभागियों की जिम्मेदारी है।

  • ऐसे मामलों से ये बात साफ होती है कि बाजार को नियमों के सख्त पालन और जवाबदेही की ज़रूरत है।

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