SEBI की 18 जून की बोर्ड बैठक
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की अगली बोर्ड बैठक 18 जून को होने जा रही है, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। यह बैठक रिटेल निवेशकों से लेकर संस्थागत निवेशकों तक सभी के लिए नीतिगत बदलाव ला सकती है।
किन प्रस्तावों पर होगी चर्चा?
SEBI द्वारा पहले से ही कुछ Draft Proposals जारी किए जा चुके हैं, जिन पर आम जनता और स्टेकहोल्डर्स से राय मांगी गई थी। अब ये प्रस्ताव 18 जून की बोर्ड बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए पेश किए जा सकते हैं।
REITs और InvITs को Equity का दर्जा मिलने की उम्मीद
इस बैठक में Real Estate Investment Trusts (REITs) और Infrastructure Investment Trusts (InvITs) को इक्विटी स्टेटस देने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।
संभावित फायदे
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इन्हें स्टॉक इंडिसेस में शामिल किया जा सकेगा।
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म्यूचुअल फंड्स को इन ट्रस्ट्स में निवेश की सीमा 10% से बढ़ाकर 20% तक की जा सकती है।
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इससे निवेशकों को अधिक विविधता (Diversification) और स्थिर आय (Stable Returns) जैसे फायदे मिल सकते हैं।
REITs और InvITs के लिए रेगुलेशन में बदलाव संभव
SEBI इन दोनों ट्रस्ट्स से जुड़े नियमों में Ease of Doing Business बढ़ाने के लिए बदलाव कर सकता है। फिलहाल, इन फंड्स को रिटेल निवेशकों से उतना रिस्पॉन्स नहीं मिला है, जितनी उम्मीद थी। नए नियमों से इनके प्रति विश्वास बढ़ सकता है।
Clearing Corporations के Demerger पर भी विचार
बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव होगा — Clearing Corporations को Stock Exchanges से अलग (Demerger) करना।
इसका उद्देश्य
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Clearing Corporations को वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना।
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Stock Exchanges को इनके संचालन में सीधी पूंजी नहीं लगानी पड़ेगी।
हालांकि, कुछ एक्सचेंज इस प्रस्ताव का विरोध कर सकते हैं, क्योंकि मौजूदा ढांचा उन्हें अधिक नियंत्रण देता है।
निष्कर्ष रिटेल निवेशकों के लिए जरूरी हैं ये बदलाव
SEBI की यह आगामी बैठक भारतीय पूंजी बाजार में नई संभावनाओं का द्वार खोल सकती है। खासकर रिटेल निवेशकों के लिए, ये बदलाव बेहतर निवेश विकल्प, ट्रांसपेरेंसी और विविध पोर्टफोलियो की दिशा में एक सकारात्मक कदम होंगे।