RBI ने सरकार को दिया डिविडेंड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है। यह राशि अर्थशास्त्रियों के अनुमान के दायरे में तो है, लेकिन उम्मीद से थोड़ी कम है। फिर भी यह पिछले साल के डिविडेंड 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो सरकार के वित्तीय लक्ष्यों को मजबूती देने वाला कदम है।
Economists के अनुमान से थोड़ा कम, लेकिन FY24 से बेहतर
अर्थशास्त्रियों ने RBI से इस बार 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड की उम्मीद जताई थी। घोषित राशि इस रेंज में तो है, लेकिन अपेक्षा से थोड़ी कम जरूर है।
फिर भी यह डिविडेंड पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए 2.1 लाख करोड़ से अधिक है, जो सरकार के राजकोषीय लक्ष्य को पाने में मददगार रहेगा।
SBI रिपोर्ट विदेशी आय और ब्याज आय बनी डिविडेंड का आधार
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार डिविडेंड बढ़ने की प्रमुख वजहें रही:
-
डॉलर की बिक्री से लाभ
-
विदेशी मुद्रा भंडार से उच्च रिटर्न
-
सरकारी बॉन्ड पर अच्छी ब्याज आय
-
सोने में निवेश से मुनाफा (Gold prices में तेजी का लाभ)
Fiscal Deficit में 20-30 Basis Points तक की गिरावट संभव
विशेषज्ञों का कहना है कि RBI का यह डिविडेंड केंद्र सरकार के लिए राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) को नियंत्रित रखने में मदद करेगा। इससे वित्तीय घाटा 20–30 basis points तक कम हो सकता है।
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार ने fiscal deficit को 4.5% तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है।
सरकार की डिविडेंड आय 3.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद
सरकार ने अपने बजट में 2.56 लाख करोड़ रुपये की डिविडेंड आय का अनुमान लगाया था। लेकिन अब RBI के 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड के बाद, अन्य वित्तीय संस्थानों से भी लाभांश मिलने की उम्मीद है। कुल मिलाकर डिविडेंड रिसीट्स 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती हैं।
Economic Capital Framework (ECF) में बदलाव से पारदर्शिता बढ़ी
RBI ने हाल ही में अपने ECF (Economic Capital Framework) में बदलाव किया है, जिससे यह तय करना आसान हो गया है कि RBI कितना मुनाफा सरकार को देगा और कितना अपने पास रखेगा। इससे government और RBI के बीच profit-sharing में पारदर्शिता आई है।
RBI की कमाई के मुख्य स्रोत
-
सरकारी बॉन्ड और ट्रेजरी बिल से ब्याज
-
विदेशी मुद्रा भंडार से निवेश पर रिटर्न
-
सोने और सुरक्षित विदेशी संपत्तियों से कैपिटल गेन
-
सोने की बढ़ती कीमतों से हुई आय
RBI ने हाल ही में सोने में निवेश बढ़ाया है, जिससे उसे अतिरिक्त लाभ हुआ है।
निष्कर्ष
RBI का 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड न केवल सरकार के बजट संतुलन को सहारा देगा, बल्कि अर्थव्यवस्था में निवेश और विकास की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा। इससे सरकार को सामाजिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर खर्च के लिए अतिरिक्त संसाधन मिलेंगे।