Infra Market का IPO के लिए तैयार, 150-200 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना
Infra Market इस साल के अंत तक स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग की तैयारी कर रही है और इसके लिए लगभग 150-200 मिलियन डॉलर (करीब 1,250-1,650 करोड़ रुपये) जुटाने का लक्ष्य रख रही है। यह फंडिंग राउंड लिस्टिंग से कुछ महीने पहले किया जाएगा, ताकि कंपनी को अपनी ग्रोथ और रणनीतिक योजनाओं के लिए और अधिक पूंजी मिल सके। सूत्रों के अनुसार, इस फंडिंग राउंड में टाइगर ग्लोबल, फाउंडेशनल, और इवॉल्वेंस जैसे मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश करेंगे।
नए निवेशकों से बातचीत
Infra Market कुछ नए निवेशकों से भी बातचीत कर रही है, जो लिस्टिंग से पहले कंपनी के शेयरधारकों में शामिल होना चाहते हैं। यह प्री-IPO फंडिंग राउंड इंफ्रा.मार्केट का मूल्यांकन 2021 के 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक कर सकता है। फंडिंग के बाद, कंपनी दिसंबर 2024 तक अपने ड्राफ्ट IPO पेपर दाखिल करने की योजना बना रही है।
Infra Market की तेज़ी से बढ़ती बिज़नेस ग्रोथ
Infra Market की स्थापना 2016 में सौविक सेनगुप्ता और आदित्य शारदा द्वारा की गई थी। यह कंपनी निर्माण सामग्री और समाधान प्रदान करती है, जैसे कि रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC), एग्रीगेट्स, कंस्ट्रक्शन केमिकल्स, स्टील, और प्लाईवुड। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिकल सामान, टाइल्स, सैनिटरीवेयर और मॉड्यूलर किचन जैसी सेवाएँ भी उपलब्ध कराती है।
कंपनी की वित्तीय प्रगति की बात करें तो, FY23 में इंफ्रा.मार्केट का परिचालन राजस्व 11,846 करोड़ रुपये था, जो कि FY22 के 6,236 करोड़ रुपये से 90% ज्यादा है। हालांकि, लाभ में गिरावट देखी गई है, जहां FY23 में कंपनी का मुनाफा 155 करोड़ रुपये था, जो FY22 के 186 करोड़ रुपये से 17% कम था। इस गिरावट के बावजूद, इंफ्रा.मार्केट की विकास की गति उल्लेखनीय है और आने वाले IPO के लिए निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है।
फंडिंग और प्रतिस्पर्धा
Infra Market अब तक एक्सेल, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, और टाइगर ग्लोबल जैसे प्रमुख निवेशकों से 550 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटा चुकी है। इसका मुख्य प्रतिस्पर्धी ऑफबिजनेस है, जिसे सॉफ्टबैंक का समर्थन प्राप्त है और वह भी अपनी लिस्टिंग की तैयारी कर रहा है।
Infra Market के सफल फंडिंग राउंड इसे भारतीय स्टार्टअप्स की उस लिस्ट में शामिल कर देगा जिन्होंने इस साल 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग जुटाई है। अन्य प्रमुख स्टार्टअप्स जैसे मीशो, मिंटिफी, एरुडिटस, और रेबल फूड्स भी हाल ही में बड़े फंडिंग राउंड हासिल कर चुके हैं। इससे यह साफ है कि निवेशक भारतीय स्टार्टअप्स को लेकर आशान्वित हैं और इस बाजार में अपने निवेश को बढ़ा रहे हैं।
टाइगर ग्लोबल की भारतीय स्टार्टअप्स में वापसी
टाइगर ग्लोबल जो पिछले 18 महीनों तक भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश से दूर था, अब धीरे-धीरे वापसी कर रहा है। नवंबर 2023 में इसके प्रमुख स्कॉट श्लेफ़र के पद छोड़ने के बाद, टाइगर ग्लोबल ने फिर से भारतीय बाजार में निवेश करना शुरू किया है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेशक अब मीशो में भी निवेश करने की योजना बना रहा है, जो भारत की एक प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी है।
आगे की रणनीति और निवेशक की रुचि
Infra Market का यह फंडिंग राउंड न केवल इसे अधिक पूंजी देगा, बल्कि यह दिखाता है कि निवेशक भारतीय स्टार्टअप्स को लेकर काफी सकारात्मक हैं। मीशो, ज़ेप्टो, और अन्य स्टार्टअप्स ने भी हाल ही में बड़े फंडिंग राउंड प्राप्त किए हैं, जो कि भारतीय बाजार में निवेशकों की निरंतर रुचि को दर्शाता है।
Infra Market की यह फंडिंग उसे और अधिक बाजार विस्तार, प्रौद्योगिकी सुधार और अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार के लिए सक्षम बनाएगी। साथ ही, यह कंपनी को अपने प्रतिस्पर्धियों के सामने मजबूती से खड़ा करने में मदद करेगी।