IREDA का 4,500 करोड़ रुपये जुटाने का निर्णय और भविष्य की योजनाएं
Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA) को 4,500 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी मिल गई है। यह फंड Department of Investment and Public Asset Management (DIPAM) से मिली अनुमति के बाद Qualified Institutional Placement (QIP) के माध्यम से इक्विटी शेयर जारी करके जुटाया जाएगा। यह निर्णय भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करने और IREDA के विस्तार के उद्देश्य से लिया गया है।
सरकार की हिस्सेदारी में कमी
इस फंडरेज के परिणामस्वरूप, सरकार की IREDA में हिस्सेदारी लगभग 7% तक कम हो जाएगी। नए शेयर जारी होने के कारण यह परिवर्तन होगा। फिलहाल, सरकार की हिस्सेदारी 75% है, लेकिन इस पूंजी जुटाने के बाद इसमें कमी आएगी।
यह पूंजी निवेश एक या अधिक किस्तों में किया जाएगा, जिसकी मंजूरी अगस्त 2024 में IREDA के बोर्ड द्वारा दी गई थी। इसके साथ ही, कंपनी ने अन्य फंड जुटाने के विकल्प जैसे Further Public Offering (FPO), Rights Issue, और Preferential Issue पर भी विचार किया था, लेकिन QIP को प्राथमिकता दी गई।
शेयर प्रदर्शन
18 सितंबर, 2024 को IREDA के शेयर मामूली 0.15% की गिरावट के साथ ₹227.39 पर बंद हुए। हालांकि, कंपनी के शेयरों ने इस साल जनवरी से अब तक 120% की वृद्धि दर्ज की है।
जुलाई 2024 में IREDA के शेयरों ने अपने उच्चतम स्तर ₹310 को छुआ था, लेकिन इसके बाद इसमें 27% की गिरावट आई। फिर भी, नवंबर 2023 के IPO मूल्य ₹32 प्रति शेयर से अब तक IREDA के शेयर 7 गुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसने निवेशकों के लिए एक मजबूत रिटर्न दिया है, जिससे यह भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक आकर्षक निवेश विकल्प बन गया है।
बाजार पूंजीकरण और सरकार की हिस्सेदारी
IREDA का वर्तमान बाजार पूंजीकरण ₹61,117 करोड़ है, और इसके शेयरों की कुल चुकता इक्विटी ₹2,284.6 करोड़ है, जिसमें 10 रुपये अंकित मूल्य के 228.46 करोड़ शेयर शामिल हैं। सरकार की हिस्सेदारी फिलहाल 75% है, जो फंड जुटाने के बाद लगभग 68% तक आ जाएगी।
भविष्य की योजनाएं
इस फंडरेज से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार और भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को और गति देने के लिए किया जाएगा। IREDA भारत के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन को समर्थन देने में एक प्रमुख भूमिका निभा रही है, और यह नया निवेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार का उद्देश्य देश को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है, और इसके लिए IREDA जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस नए फंडरेज से न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि इसे नई परियोजनाओं में निवेश करने और विस्तार करने का अवसर भी मिलेगा।