Tata Power के सौर सेल उत्पादन और भविष्य की योजनाएं
Tata Power के CEO, Praveer Sinha, को उम्मीद है कि 2026 तक सरकार द्वारा सौर सेल के लिए ALMM (Approved List of Models and Manufacturers) लागू करने से भारतीय सोलर सेल उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी। इस नीति से न केवल घरेलू उत्पादन में उछाल आएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती सोलर उपकरणों की आपूर्ति के बावजूद, भारतीय निर्माताओं को एक स्थिर और सुरक्षित बाजार भी मिलेगा।
Tata Power का Solar Cell उत्पादन
Tata Power की सहायक कंपनी Tata Power Renewable Energy Limited (TPREL) के अंतर्गत आने वाली इकाई TP Solar ने तमिलनाडु में अपने नए प्लांट में सोलर सेल का उत्पादन शुरू कर दिया है। फिलहाल, सरकार ने ALMM को सिर्फ सोलर मॉड्यूल पर लागू किया है, लेकिन Praveer Sinha ने जानकारी दी है कि सरकार जल्द ही इस नीति को सोलर सेल पर भी लागू करने की योजना बना रही है।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य भारत में बने सोलर सेल और मॉड्यूल के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी। इससे घरेलू उद्योग को प्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा, खासकर जब चीन जैसे देशों से सोलर सेल और मॉड्यूल के आयात पर निर्भरता कम हो जाएगी।
उत्पादन क्षमता और विस्तार की योजनाएं
तमिलनाडु में स्थित Tata Power का यह सोलर सेल प्लांट वर्तमान में 2GW की उत्पादन क्षमता से कार्यरत है। कंपनी का लक्ष्य अगले 4-6 हफ्तों में उत्पादन को पूरी क्षमता पर लाने का है, जिससे इसकी उत्पादन क्षमता में और 2GW की बढ़ोतरी होगी।
भारत सरकार देश को सोलर उपकरणों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है और कंपनियों को इस क्षेत्र में विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। Tata Power इस दिशा में अपने उत्पादन और बुनियादी ढांचे को और बेहतर करने की योजनाएं बना रही है।
Mundra Power Plant और PPA (Power Purchase Agreement) का मुद्दा
Tata Power की एक और महत्वपूर्ण परियोजना Mundra Ultra Mega Power Project (UMPP) है, जिसे बिजली शुल्क विवाद के कारण पिछले कुछ समय से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्लांट कोयले की बढ़ती कीमतों के कारण कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा था, जिससे पांच राज्यों के साथ किए गए PPA पर असर पड़ा।
फरवरी 2023 से Mundra Power Plant फिर से चालू हो गया है, लेकिन Tata Power अब उन राज्यों के साथ PPA को संशोधित करने के प्रयास कर रही है ताकि बिजली आपूर्ति को सुचारू रूप से बनाए रखा जा सके। कंपनी का उद्देश्य है कि बिजली की बढ़ती लागत और कोयले की ऊंची कीमतों को ध्यान में रखते हुए, एक नए समझौते पर पहुंचा जा सके, जिससे सभी पक्षों को संतुलित लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
Tata Power ने सोलर उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और CEO Praveer Sinha की उम्मीदें इस दिशा में कंपनी की दीर्घकालिक योजनाओं को और मजबूत करती हैं। सरकार की ALMM नीति के विस्तार से भारतीय सोलर निर्माताओं को न केवल घरेलू बाजार में लाभ मिलेगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बावजूद उनकी स्थिति मजबूत होगी। इसके अलावा, Mundra Power Plant और PPA मुद्दे पर चल रही चर्चाओं का सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है, जो कंपनी की भविष्य की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।