AGR याचिका खारिज , Telecom Company Vodafone Idea को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका
कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी Vodafone Idea (VI) को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया की पुनर्गणना के लिए कंपनी की याचिका खारिज कर दी है। इस निर्णय के बाद, कंपनी की वित्तीय स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है, और ब्रोकरेज हाउसों ने कंपनी के Free Cash Flow (FCF) और भविष्य की विकास योजनाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
Vodafone Idea की तीन मुख्य मांगें
Vodafone Idea ने अपनी क्यूरेटिव याचिका में निम्नलिखित तीन प्रमुख राहतों की मांग की थी:
- AGR बकाया में अंकगणितीय और लिपिकीय त्रुटियों को ठीक करना।
- जुर्माने की सीमा को 50% तक कम करने का अनुरोध।
- जुर्माने पर ब्याज दर को भारतीय स्टेट बैंक की प्राइम लेंडिंग रेट से 2% अधिक करना।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों मांगों को खारिज कर दिया, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
FCF संकट Macquarie का अनुमान
AGR राहत न मिलने के बाद, ब्रोकरेज फर्म Macquarie का मानना है कि वोडाफोन आइडिया को अपने बकाया चुकाने में 25-30 साल तक का समय लग सकता है। Macquarie ने अनुमान लगाया है कि भले ही टैरिफ में बढ़ोतरी की जाए, कंपनी का कैशफ्लो (FCF) इन देनदारियों को चुकाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इस वजह से कंपनी को बकाया भुगतान की समयसीमा में विस्तार की आवश्यकता पड़ सकती है।
भारी देनदारियों का बोझ Nuvama की रिपोर्ट
Nuvama Institutional Equities की रिपोर्ट के अनुसार, भले ही वोडाफोन आइडिया ने टैरिफ बढ़ोतरी और FPO (Follow-on Public Offer) का सहारा लिया हो, कंपनी की बैलेंस शीट पर ₹2.5 लाख करोड़ की भारी देनदारियां हैं। इनमें से ₹2.1 लाख करोड़ स्पेक्ट्रम और AGR बकाया हैं, जो कि सरकार को चुकाने हैं। चार साल की मोहलत मिलने के बावजूद, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
CLSA की चेतावनी वित्तीय संकट की आशंका
CLSA ने चेताया है कि यदि Vodafone Idea को AGR में कोई राहत नहीं मिली, तो FY26 की दूसरी छमाही में कंपनी गंभीर वित्तीय संकट में फंस सकती है। उस समय तक कंपनी पर ₹4-5 बिलियन का वार्षिक स्पेक्ट्रम और AGR भुगतान बकाया हो सकता है।
Debt to Equity Conversion UBS का सुझाव
UBS का मानना है कि VI के लिए Debt to Equity Conversion या पुनर्भुगतान स्थगन के विकल्प खुले हो सकते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये उपाय इक्विटी धारकों के लिए लाभकारी साबित होंगे या नहीं।
Nomura का आशावादी दृष्टिकोण खरीदारी का मौका
दूसरी ओर, Nomura ने वोडाफोन आइडिया के प्रति एक आशावादी दृष्टिकोण अपनाया है। उनके अनुसार, AGR विवाद के समाधान के बाद वोडाफोन आइडिया एक खरीदारी का अच्छा अवसर प्रदान कर सकता है। Nomura ने VI को ‘Buy’ रेटिंग दी है और इसका लक्ष्य मूल्य ₹15 प्रति शेयर तय किया है।
टैरिफ बढ़ोतरी की संभावना
Vodafone Idea अपने FCF अंतर को भरने के लिए टैरिफ बढ़ोतरी पर विचार कर सकती है। हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और 5G रोलआउट की सीमित संभावनाओं के चलते यह कदम आसान नहीं होगा।
Airtel और Jio को प्रतिस्पर्धी लाभ
Morgan Stanley का मानना है कि Airtel और Jio जैसी कंपनियां अपनी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को और मजबूत कर सकती हैं। वोडाफोन आइडिया लगातार बाजार हिस्सेदारी खो रही है, विशेषकर 5G और 4G ग्राहकों के मामले में, जो बेहतर कवरेज और सेवाओं के लिए दूसरी कंपनियों का रुख कर रहे हैं।