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30 सितम्बर को होगा SEBI की बैठक, होंगे ये बड़े बदलाव

SEBI (Securities and Exchange Board of India) का शासी निकाय 30 सितंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करेगा, जिसमें कई अहम सुधारों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक बाजार के खिलाड़ियों और बिचौलियों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है, खासकर Index Derivative Framework में प्रस्तावित सुधारों को लेकर।

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Index Derivative Framework में संभावित बदलाव

SEBI ने 30 जुलाई को एक consultation paper जारी किया था, जिसमें Index-based Derivative Contracts की साप्ताहिक समाप्ति का प्रस्ताव रखा गया था। इस सुधार का उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों में अनुशासन लाना है, जो दैनिक समाप्ति के कारण अस्थिर हो रही थीं। इस नए ढांचे के तहत:

  1. साप्ताहिक समाप्ति (Weekly Expiry) की व्यवस्था लागू होगी, जिसमें प्रति स्टॉक एक्सचेंज केवल एक इंडेक्स-आधारित साप्ताहिक अनुबंध होगा।
  2. Minimum Contract Size को लॉन्च के समय ₹15-20 लाख और बाद में ₹20-30 लाख तक बढ़ाया जाएगा, ताकि खुदरा निवेशकों की भागीदारी को सीमित किया जा सके।
  3. Strike Prices को युक्तिसंगत बनाया जाएगा, जिससे डेरिवेटिव बाजार में स्थिरता आएगी।

वित्त मंत्री और SEBI प्रमुख के विचार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच दोनों ने फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) व्यापार पर नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर दिया है। 20 अगस्त 2024 को consultation paper पर सार्वजनिक टिप्पणियों की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, इसलिए संभावना है कि SEBI बोर्ड इस बैठक में नए फ्रेमवर्क पर विचार करेगा।

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Performance Verification Agency की शुरुआत

इस बैठक में एक और बड़ा सुधार Performance Verification Agency की स्थापना हो सकता है। यह एजेंसी विभिन्न Research Analysts (RA) और Algo Trading Providers के प्रदर्शन के सत्यापन की जिम्मेदारी संभालेगी। इस सुधार से RA, IA, और Algo Traders अपनी सेवाओं को अधिक विश्वास के साथ प्रमोट कर सकेंगे।

अन्य संभावित सुधार

  1. FPI Disclosure Norms: SEBI विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए अतिरिक्त प्रकटीकरण मानदंडों को सरल बना सकता है। इससे FPI को केवल यह बताना होगा कि वे Land Bordering Countries (LBC) से संबंधित हैं या नहीं।

  2. IA/RA Compliance में ढील: SEBI educational qualifications और net-worth आवश्यकताओं को सरल करके Investment Advisors (IA) और Research Analysts (RA) को एक साथ पंजीकृत करने की अनुमति दे सकता है।

  3. Insider Trading Regulations में बदलाव: SEBI Connected Person की परिभाषा का विस्तार करके इसमें संबंधित व्यक्तियों, परिवार के सदस्यों और Hindu Undivided Family (HUF) को शामिल कर सकता है।

  4. Summary Proceedings: SEBI Summary Proceedings को फिर से शुरू कर सकता है, जिससे बाजार में बिचौलियों द्वारा उल्लंघन को तेजी से निपटाया जा सके।

  5. New Asset Class: SEBI एक नए Asset Class की शुरुआत कर सकता है, जो Portfolio Management Services (PMS) और Mutual Funds के बीच होगा। इसका उद्देश्य अधिक जोखिम उठाने वाले निवेशकों को अधिक अवसर प्रदान करना है।

  6. Mutual Funds में बदलाव: म्यूचुअल फंड में passively managed funds के लिए नया Mutual Fund Light Regulation लाने की संभावना है।

निष्कर्ष

SEBI की 30 सितंबर 2024 की बैठक से कई बड़े बदलावों की उम्मीद है। Index Derivative Framework में सुधार, Performance Verification Agency की स्थापना और FPI Disclosure Norms में बदलाव जैसे फैसले बाजार पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इन सुधारों से निवेशकों और बाजार सहभागियों को अधिक पारदर्शिता, स्थिरता, और सुरक्षा मिलेगी।

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