Adani Airport Holdings को 2,800 करोड़ रुपये AAI को चुकाने होंगे
Adani Airport Holdings Limited को Airports Authority of India (AAI) को 2021 में निजीकरण प्रक्रिया के तहत तीन हवाई अड्डों के अधिग्रहण के लिए लगभग 2,800 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यह भुगतान जयपुर, तिरुवनंतपुरम, और गुवाहाटी हवाई अड्डों से संबंधित है। इन हवाई अड्डों पर कोविड महामारी के दौरान कम राजस्व वसूली की समस्या उत्पन्न हुई थी, जिससे एएआई को वित्तीय नुकसान हुआ।
राजस्व की कमी और टैरिफ समायोजन
किसी भी हवाई अड्डे के ऑपरेटर को अगर अपेक्षित राजस्व नहीं मिलता है, तो उसे अगले पाँच साल के Control Period में टैरिफ बढ़ाने का अधिकार दिया जाता है। इसी तरह, अडानी समूह को भी हवाई अड्डों के उपयोगकर्ताओं से अगले तीन से छह वर्षों में अतिरिक्त टैरिफ वसूलने की अनुमति दी गई है। इस वृद्धि से समूह इन लागतों की भरपाई कर सकेगा, जिससे एएआई को देय भुगतान में सहायता मिलेगी।
AAI के साथ समझौता
अडानी समूह को 2019 और 2021 के बीच एएआई द्वारा किए गए Investments और हवाई अड्डों के विकास की लागत की भी प्रतिपूर्ति करनी होगी। यह समझौता अडानी एयरपोर्ट्स और एएआई के बीच पहले से तय था, जिसमें नवंबर 2021 में अडानी समूह ने छह हवाई अड्डों के अधिग्रहण के लिए एएआई को 2,440 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
AERA द्वारा अनुमोदित अंडर-रिकवरी
Airports Economic Regulatory Authority (AERA) द्वारा वित्तीय वर्ष 2022 से 2027 के टैरिफ विश्लेषण में, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के गुवाहाटी हवाई अड्डे के लिए 172.8 करोड़ रुपये, जयपुर के लिए 644.17 करोड़ रुपये, और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के लिए 789.29 करोड़ रुपये की अंडर-रिकवरी को मंजूरी दी गई थी। इसका मतलब है कि अडानी समूह को इन हवाई अड्डों के लिए निर्धारित टैरिफ से कम राजस्व प्राप्त हुआ, जिसे अब टैरिफ बढ़ाकर समायोजित किया जाएगा।
फंड जुटाने की योजना
अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड ने इस भुगतान को पूरा करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों से ऋण के रूप में जुटाने की योजना बनाई है, जबकि शेष राशि समूह द्वारा सीधे फंड डालकर पूरी की जाएगी। यह योजना अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स की वित्तीय स्थिति को मजबूत रखने और एएआई के प्रति देय भुगतान को समय पर पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।