Reliance Infrastructure

Reliance Infrastructure को कोलकाता हाई कोर्ट से राहत,780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता विवाद में जीत

अनिल अंबानी की Reliance Infrastructure को मिली बड़ी राहत 780 करोड़ रुपये के विवाद में हाई कोर्ट का फैसला

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रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के लिए राहत की खबर आई है, क्योंकि कोलकाता हाई कोर्ट ने दामोदर घाटी निगम (DVC) के साथ चल रहे 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता विवाद में कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने DVC द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में पूर्व में आए मध्यस्थता निर्णय को बरकरार रखा है।

शेयरों में तेजी

इस फैसले के बाद, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। कंपनी के शेयरों में पिछले एक महीने में 51% से अधिक की वृद्धि हुई है। हालांकि, शुक्रवार को BSE पर इसके शेयर में 1.73% की गिरावट आई और यह 322.95 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों में 91% की तेजी दर्ज की गई है।

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विवाद की पृष्ठभूमि

करीब एक दशक पहले, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में 1,200 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का ठेका मिला था। परियोजना में देरी होने पर DVC ने कंपनी से हर्जाने की मांग की। इस पर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने हर्जाने को चुनौती दी और 2019 में मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें DVC को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया। DVC ने इस फैसले को कोलकाता हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।

कोर्ट का फैसला

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के अनुसार, कोलकाता हाई कोर्ट ने 27 सितंबर 2024 को दिए फैसले में 780 करोड़ रुपये की राशि पर निर्णय दिया, जिसमें ब्याज भी शामिल है। हालांकि, कोर्ट ने 181 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी और ब्याज की राशि में कुछ कमी की है। इसके साथ ही, कंपनी को 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जारी की जाएगी, जो कंपनी के लिए एक सकारात्मक कदम है।

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कंपनी की आगे की रणनीति

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बताया कि वे इस फैसले की समीक्षा कर रहे हैं और कानूनी सलाह के आधार पर अगले कदम उठाएंगे। वे या तो फैसले को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे या इसे चुनौती देंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस निर्णय के बाद कैसे आगे की रणनीति तय करती है।

कंपनी के शेयर बाजार प्रदर्शन पर असर

इस फैसले से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को बड़ी राहत मिली है, जिसका असर शेयर बाजार में इसके प्रदर्शन पर भी साफ तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी के शेयरों में वृद्धि से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है, और यह संकेत है कि आगे भी कंपनी के शेयरों में सकारात्मक रुझान देखा जा सकता है।

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