अदानी एंटरप्राइजेज

अदानी एंटरप्राइजेज ने एफएमसीजी व्यवसाय का डीमर्जर वापस लिया महत्वपूर्ण जानकारी

अदानी एंटरप्राइजेज ने अपने एफएमसीजी व्यवसाय का डीमर्जर वापस लिया

अदानी एंटरप्राइजेज ने अपने फूड एफएमसीजी व्यवसाय को अदानी विल्मर में स्थानांतरित करने की योजना को रद्द कर दिया है। यह निर्णय भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी (MPS) विनियमों का पालन करने के लिए लिया गया। यह कदम अदानी समूह के प्रमोटरों को अदानी विल्मर पर सीधा नियंत्रण प्राप्त कराता, जो वर्तमान में एक जॉइंट वेंचर है, जिसमें अदानी एंटरप्राइजेज अदानी कमोडिटीज़ के माध्यम से लगभग 44% हिस्सेदारी रखता है। SEBI के MPS नियमों के तहत, प्रमोटर समूह को अपनी हिस्सेदारी 2025 तक 75% तक घटानी होगी।

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डीमर्जर योजना और हाल के विकास

1 अगस्त, 2024 को घोषित इस डीमर्जर योजना का उद्देश्य फूड एफएमसीजी व्यवसाय को सीधे अदानी समूह के प्रमोटरों के अंतर्गत लाना था। इस योजना के तहत अदानी विल्मर का जॉइंट वेंचर का दर्जा समाप्त कर इसे सीधे प्रमोटर समूह में एकीकृत करना था। हालांकि, अदानी विल्मर ने SEBI के एमपीएस दिशानिर्देशों का पालन करने की अपनी रणनीति पर काम कर रहा है, जिससे यह निर्णय लिया गया।

वर्तमान हिस्सेदारी और एमपीएस अनुपालन आवश्यकताएं

वर्तमान में प्रमोटर समूह, जिसमें अदानी समूह और Lence Pte शामिल हैं, अदानी विल्मर में 87.87% हिस्सेदारी रखता है। SEBI के नियमों के अनुसार, 2025 तक इस हिस्सेदारी को 75% तक घटाना अनिवार्य है। डीमर्जर इस हिस्सेदारी में कमी को आसान बना सकता था, लेकिन मूल्यांकन और मूल्य निर्धारण की चुनौतियों ने इस प्रक्रिया को रोक दिया।

2,000 करोड़ रुपये के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के लिए मंजूरी

डीमर्जर को वापस लेने के अलावा, अदानी एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने 2,000 करोड़ रुपये के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCDs) के सार्वजनिक निर्गम को भी मंजूरी दी है। यह निर्गम नियामक और वैधानिक मंजूरी के अधीन है, जिससे कंपनी की वित्तीय पहलों में एक और पूंजी जुटाने की रणनीति जोड़ी गई है।

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अदानी एंटरप्राइजेज की दूसरी तिमाही की वित्तीय प्रदर्शन

सितंबर तिमाही में अदानी एंटरप्राइजेज ने 664% की सालाना वृद्धि के साथ ₹1,742 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के ₹228 करोड़ से अधिक है। इस तिमाही में कंपनी की राजस्व वृद्धि 16% बढ़कर ₹22,608 करोड़ हो गई, जबकि EBITDA में 47% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹8,654 करोड़ पर पहुँच गया। इस वृद्धि में अदानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) और अदानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) की तेजी से बढ़ती क्षमता और संपत्ति उपयोग का प्रमुख योगदान रहा।

मुख्य क्षेत्रों पर रणनीतिक ध्यान

अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अदानी ने कंपनी की लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा परिवर्तन और देश की आर्थिक वृद्धि के लिए आवश्यक क्षेत्रों में निवेश करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। ANIL और AAHL के नेतृत्व में यह अर्ध-वार्षिक प्रदर्शन अदानी एंटरप्राइजेज की इन प्रमुख क्षेत्रों में भूमिका को दर्शाता है, जो कंपनी को विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसरों और विकास के लिए फ्लैगशिप के रूप में कार्य करता है।

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