भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली
अक्टूबर महीने में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी अपने उच्चतम स्तर से करीब 10% गिरकर 26,300 से 24,300 पर आ गया है। इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा की गई भारी बिकवाली है। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) और खुदरा निवेशक बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। आइए, इस गिरावट के प्रमुख कारण और इसके असर को विस्तार से समझते हैं।
1. निफ्टी का प्रदर्शन और तकनीकी संकेतक
- निफ्टी 50 की स्थिति अक्टूबर में निफ्टी 50 ने 100-डे सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) के ऊपर कारोबार किया, जो बताता है कि बाजार पूरी तरह से मंदी में नहीं है।
- तकनीकी संकेतक यदि निफ्टी 50 अपने 100-डे मूविंग एवरेज के नीचे बंद हो जाता है, तो यह चिंताजनक हो सकता है और संभवत और गिरावट का संकेत दे सकता है। फिलहाल, बाजार ने 24,000 के स्तर के पास थोड़ा पुलबैक दिखाया है, जो निवेशकों को स्थिरता का संकेत दे रहा है।
2. FII की भारी बिकवाली और इसके कारण
- FII का बिकवाली का रुख पिछले 20 दिनों में FII ने 19 दिन तक शेयर बेचने का सिलसिला बनाए रखा, जिससे करीब ₹85,000 करोड़ का निवेश बाजार से निकाला गया। इस दौरान प्रतिदिन लगभग ₹4,200 करोड़ बाजार से निकाले गए हैं।
- बिकवाली के प्रमुख कारण
- कमजोर अर्निंग रिपोर्ट्स कई कंपनियों की कमाई की रिपोर्ट अपेक्षा से कम रही है।
- जियो-पॉलिटिकल टेंशंस इज़राइल-ईरान, रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य राजनीतिक टेंशनों ने वैश्विक निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ा दी है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और नई नीतियों का असर अमेरिकी चुनावों और सरकारी नीतियों के प्रभाव से भी FII सतर्क बने हुए हैं।
- भारत का हाई वैल्यूएशन भारतीय शेयर बाजार अभी भी उच्च मूल्यांकन पर है, जिससे FII लाभ सुरक्षित करने के लिए बिकवाली कर रहे हैं।
3. DII और रिटेल निवेशकों की भूमिका
- घरेलू निवेशकों का समर्थन DII और खुदरा निवेशकों ने इस दौरान मार्केट में स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। घरेलू निवेशक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से लगातार बाजार में निवेश कर रहे हैं, जिससे निफ्टी में अत्यधिक गिरावट को रोका जा रहा है।
- शेयर बाजार में स्थिरता FII की बिकवाली के बावजूद, DII और खुदरा निवेशकों के इस निवेश से बाजार में भारी गिरावट नहीं आई है, जो निवेशकों के लिए अच्छी खबर है।
4. आगे का दृष्टिकोण
- यदि FII की बिकवाली जारी रहती है और निफ्टी 100-डे मूविंग एवरेज से नीचे बंद होता है, तो मार्केट में थोड़ी और कमजोरी देखने को मिल सकती है।
- दूसरी ओर, यदि घरेलू निवेशक अपनी स्थिति को और मजबूत करते हैं और FII की बिकवाली कम होती है, तो निफ्टी को स्थिरता या उछाल मिल सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में अक्टूबर महीने में गिरावट आई है, जिसका मुख्य कारण FII की भारी बिकवाली है। लेकिन घरेलू निवेशकों की स्थिरता और SIP निवेश की बदौलत बाजार ने अभी तक बड़े नुकसान से खुद को बचाया है। आगे का समय FII और DII की रणनीतियों पर निर्भर करेगा।