कॉर्पोरेट एक्शन और उनका शेयर कीमतों पर प्रभाव

कॉर्पोरेट एक्शन और उनका शेयर कीमतों पर प्रभाव

कॉर्पोरेट एक्शन और उनका शेयर कीमतों पर प्रभाव

कॉर्पोरेट एक्शन ऐसी घटनाएं हैं जिनका उद्देश्य कंपनी के शेयरधारकों के हित में होता है और जिनका असर कंपनी के शेयर के मूल्य पर पड़ता है। इन एक्शनों का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव शेयर की कीमतों पर पड़ सकता है। आइए, जानते हैं प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन और उनके प्रभावों के बारे में।

1. लाभांश (Dividend) और शेयर मूल्य पर असर

जब कंपनी अपने मुनाफे का हिस्सा शेयरधारकों को लाभांश के रूप में देती है, तो यह निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है। लाभांश की घोषणा के बाद शेयर की कीमत में थोड़ी गिरावट हो सकती है क्योंकि मुनाफे का हिस्सा वितरित हो जाता है, लेकिन घोषणा के समय कीमत में कुछ बढ़त भी देखी जा सकती है क्योंकि निवेशक लाभांश प्राप्त करने के लिए शेयर खरीदना चाहते हैं।

2. स्टॉक स्प्लिट (Stock Split): शेयर विभाजन का प्रभाव

स्टॉक स्प्लिट में कंपनी अपने एक शेयर को छोटे हिस्सों में बांटती है, जिससे प्रति शेयर कीमत कम हो जाती है। इससे नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलती है और शेयर की तरलता बढ़ती है, लेकिन कुल निवेश का मूल्य समान रहता है। यह खासकर उन निवेशकों के लिए लाभकारी होता है जो छोटी निवेश राशि के साथ बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं।

3. बोनस शेयर (Bonus Shares) और इसका प्रभाव

कॉर्पोरेट एक्शन और उनका शेयर कीमतों पर प्रभाव

बोनस शेयर के तहत कंपनी अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर मुफ्त में जारी करती है। इस प्रकार की घोषणाएं निवेशकों के लिए प्रोत्साहन का काम करती हैं। हालांकि, बोनस शेयर जारी होने के बाद प्रति शेयर की कीमत घट जाती है, लेकिन निवेश का कुल मूल्य स्थिर रहता है, जिससे शेयरधारक को लंबे समय में लाभ मिल सकता है।

4. राइट्स इश्यू (Rights Issue) शेयरधारकों को विशेष अवसर

राइट्स इश्यू में कंपनी मौजूदा शेयरधारकों को रियायती दर पर अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है। इससे शेयरधारकों को अधिक हिस्सेदारी का लाभ मिलता है और कंपनी के लिए पूंजी जुटाने का जरिया बनता है। राइट्स इश्यू के कारण शेयर की कीमतों में थोड़ी गिरावट हो सकती है, लेकिन यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक अवसर भी बन सकता है।

5. विलय और अधिग्रहण (Mergers and Acquisitions) बड़े सौदों का असर

जब किसी कंपनी का अन्य कंपनी के साथ विलय या अधिग्रहण होता है, तो इससे शेयर की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। यदि निवेशकों को लगता है कि सौदा लाभकारी होगा, तो शेयर की कीमत बढ़ सकती है। इसके विपरीत, सौदा जोखिमपूर्ण माना जाए तो कीमत में गिरावट हो सकती है।

6. बायबैक (Buyback) निवेशकों का विश्वास बढ़ाना

बायबैक के दौरान कंपनी अपने कुछ शेयर पुनः खरीदती है, जिससे बाजार में उपलब्ध शेयरों की संख्या घट जाती है। यह एक संकेत हो सकता है कि कंपनी अपने शेयर को मूल्यवान मानती है, जिससे प्रति शेयर कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है और निवेशकों का विश्वास कंपनी में बढ़ता है।

निष्कर्ष

प्रत्येक कॉर्पोरेट एक्शन का शेयर की कीमत पर अलग-अलग असर होता है। इन घटनाओं का ज्ञान निवेशकों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि ये घटनाएं अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती हैं। निवेशक सही निर्णय ले सकें, इसके लिए इन सभी कॉर्पोरेट एक्शन का विश्लेषण और समझ आवश्यक है।

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