विजय केडिया की हिस्सेदारी कंपनी में तेजी का माहौल
शेयर बाजार में इस समय निफ़्टी और सेंसेक्स के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद पटेल इंजीनियरिंग जैसे स्टॉक्स में स्टॉक-स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिल रहा है। विजय केडिया जैसे दिग्गज निवेशक की हिस्सेदारी होने के कारण निवेशकों की नज़र इस स्टॉक पर बनी हुई है।
पटेल इंजीनियरिंग कंपनी का परिचय
पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड सड़क, औद्योगिक संरचनाएँ, पूल, सुरंगें, सिंचाई, और शहरी बुनियादी ढाँचे जैसे सिविल इंजीनियरिंग कार्यों में बिजनेस करती है। इन क्षेत्रों में इसकी विशेषज्ञता इसे एक विविध और स्थिर कंपनी बनाती है।
विजय केडिया की हिस्सेदारी में बदलाव
हाल ही में, विजय केडिया जी ने पटेल इंजीनियरिंग में अपनी हिस्सेदारी का 1.42% हिस्सा बेचा है। इसके बावजूद, उनकी अभी भी इस कंपनी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, जो दर्शाता है कि उनकी पटेल इंजीनियरिंग में दीर्घकालिक निवेश धारणा है।
हालिया प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति
पटेल इंजीनियरिंग के शेयर गुरुवार को 2% बढ़कर 51 रुपये पर बंद हुए। स्टॉक का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर ₹79 और न्यूनतम स्तर ₹40 है।
वित्तीय प्रदर्शन
FY25 की दूसरी तिमाही में कंपनी की नेट सेलिंग में 15% की वृद्धि देखी गई है, जो अब ₹1174 करोड़ पर पहुँच चुकी है। साथ ही, इस अवधि में कंपनी का नेट प्रॉफिट 150% बढ़कर ₹80.80 करोड़ हो गया है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
नए प्रोजेक्ट और विकास
हाल ही में, पटेल इंजीनियरिंग ने सिक्किम में एक पावर स्टेशन के लिए NHPC लिमिटेड से 240 करोड़ रुपये की जल विद्युत परियोजना का टेंडर जीता है। यह परियोजना न केवल कंपनी के राजस्व में वृद्धि करेगी, बल्कि इसके विकास की संभावनाओं को भी मजबूत बनाएगी।
मार्केट कैप, PE रेश्यो और बुक वैल्यू
पटेल इंजीनियरिंग का वर्तमान मार्केट कैप ₹4,317 करोड़ है, जबकि इसका PE रेश्यो 12.80 है, जो इसे इंडस्ट्री एवरेज की तुलना में एक आकर्षक निवेश बनाता है। कंपनी का बुक वैल्यू ₹42.20 है, जो इसकी मौजूदा कीमत के आधार पर इसे एक मूल्यवान स्टॉक बनाता है।
पिछले वर्षों में रिटर्न
- 2 साल का रिटर्न 149%
- 5 साल का रिटर्न 300%
कंपनी के इस उच्च रिटर्न ने इसे लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए एक संभावित आकर्षक विकल्प बनाया है।
निवेश निर्णय
पटेल इंजीनियरिंग का स्थिर प्रदर्शन, विजय केडिया की हिस्सेदारी और हालिया परियोजनाएँ इसे एक मजबूत निवेश विकल्प बनाती हैं। हालाँकि, निवेशकों को कंपनी के वित्तीय परिणामों और बाज़ार की बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निवेश का निर्णय लेना चाहिए।