कैफे कॉफी डे पर फिर मंडरा रही है मुसीबत NCLT ने दिवालियापन की कार्यवाही को दी मंजूरी
कैफे कॉफी डे की मूल कंपनी, कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड, एक बार फिर मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु पीठ ने IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिससे कंपनी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दे दिया गया है।
NCLT का आदेश:
8 अगस्त को NCLT ने आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड की याचिका को स्वीकार करते हुए, कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही को मंजूरी दी। आईडीबीआई टीएसएल ने याचिका में ₹228.45 करोड़ के डिफॉल्ट का दावा किया है, जिसके कारण कंपनी को यह कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है मामला?
आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड के अधिवक्ता ने बताया कि डिबेंचर ट्रस्ट डीड के भाग 10.1 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि ट्रस्ट को अपने अधिकारों का पालन करने के लिए डिबेंचर धारकों से किसी विशेष प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं है। इस प्रावधान के तहत ही उन्होंने यह याचिका दाखिल की थी, जिसे NCLT ने स्वीकार कर लिया है।
CDSL का रुख
NCLT के इस आदेश के जवाब में CDSL (Central Depository Services Limited) भी कानूनी कार्यवाही के लिए अपनी तैयारी कर रहा है। यह देखना होगा कि आगे चलकर यह मामला कैसे आकार लेता है और क्या कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड इस संकट से उबर पाती है या नहीं।
कैफे कॉफी डे पर प्रभाव:
कैफे कॉफी डे, जो देशभर में अपनी लोकप्रियता के लिए जाना जाता है, इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। कंपनी की मौजूदा स्थिति ने निवेशकों और ग्राहकों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। अगर दिवालियापन की कार्यवाही आगे बढ़ती है, तो इसका कंपनी की संचालन और ब्रांड की प्रतिष्ठा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खिलाफ NCLT द्वारा दिवालियापन की कार्यवाही को मंजूरी देना कंपनी के लिए एक गंभीर संकट है। आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए कंपनी के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा होता नजर आ रहा है।