भारत में 5G सब्सक्राइबर्स की वृद्धि
भारत में 5G की तेज़ी से बढ़ती पैठ दूरसंचार क्षेत्र में एक क्रांति लेकर आई है। एरिक्सन की मॉबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के अंत तक देश में 27 करोड़ 5G सब्सक्राइबर्स होने की उम्मीद है, जो कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन्स का 23% होंगे।
5G के शुरुआती उपयोग और 4G का वर्तमान प्रभुत्व
- 5G उपयोग
- एन्हांस्ड मोबाइल ब्रॉडबैंड (EMBB) और फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) जैसे क्षेत्रों में शुरुआती उपयोग।
- 4G का दबदबा
- 4G सब्सक्रिप्शन्स कुल का 54% हैं, लेकिन 2030 तक इसमें भारी गिरावट का अनुमान है।
- कवरेज
- 2024 के अंत तक 95% जनसंख्या को 5G की पहुंच में लाने की योजना।
भारत में मोबाइल डेटा उपयोग
- वर्तमान औसत प्रति स्मार्टफोन मासिक 32 GB, जो वैश्विक औसत (19 GB) से अधिक।
- भविष्य का अनुमान
- 2030 तक यह आंकड़ा 66 GB प्रति माह तक पहुंच सकता है।
- CAGR 13% की वार्षिक वृद्धि।
6G और भविष्य की रणनीतियां
- 6G की शुरुआत
- 2030 तक संभावित।
- टेलीकॉम कंपनियों का फोकस
- 5G स्टैंडअलोन (SA) और 5G एडवांस्ड।
- डाटा-वॉल्यूम के बजाय मूल्य-आधारित सेवाओं पर जोर।
वैश्विक और भारतीय 5G परिदृश्य
- वैश्विक डेटा खपत
- 2030 तक 80% मोबाइल डेटा 5G पर आधारित होगा।
- FWA बाजार
- भारत का योगदान 20% रहने की उम्मीद।
भारत में 5G सेवाएं और प्रमुख कंपनियां
- प्रमुख प्रदाता
- रिलायंस जियो उन्नत स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर (SA)।
- एयरटेल नॉन-स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर (NSA)।
- 4G में गिरावट
- 2024 में 64 करोड़ 4G सब्सक्रिप्शन्स घटकर 2030 तक 24 करोड़ रह जाएंगे।
निष्कर्ष
भारत में 5G सेवाओं का विस्तार डिजिटल कनेक्टिविटी को नए स्तर पर ले जा रहा है। बढ़ती डेटा खपत, FWA का विस्तार, और तकनीकी उन्नति 2030 तक भारत को दूरसंचार का वैश्विक केंद्र बना सकते हैं।