Insurance Sector में FDI 100%
सरकार बीमा क्षेत्र में Foreign Direct Investment (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने पर विचार कर रही है। यह प्रस्ताव संसद के वर्तमान विंटर सेशन में पेश किया जा सकता है।
यूनिफाइड लाइसेंस उत्पाद विविधता की ओर कदम
- बीमा कंपनियों को Unified License मिलने की अनुमति दी जा सकती है।
- इस लाइसेंस के तहत, कंपनियाँ एक ही इकाई से Life Insurance, General Insurance, और Health Insurance पॉलिसियाँ बेच सकेंगी।
- वर्तमान में, जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ एक-दूसरे के उत्पाद नहीं बेच सकतीं।
यह कदम बीमा कंपनियों को प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विविधता लाने और ग्राहकों को अधिक विकल्प देने में मदद करेगा।
इंश्योरेंस एजेंट्स के लिए अवसर
- प्रस्तावित बदलावों के तहत, इंश्योरेंस एजेंट्स को मल्टीपल कंपनियों की पॉलिसियाँ बेचने की अनुमति होगी।
- इससे ग्राहकों को बेहतर तुलना और अधिक विकल्प मिलेंगे।
विदेशी कंपनियों की रुचि और मार्केट की प्रतिक्रिया
- विदेशी बीमा कंपनियाँ, जैसे Allianz, अब Indian Market में स्वतंत्र रूप से प्रवेश करने की योजना बना रही हैं।
- 26 नवंबर को SBI Life और ICICI Lombard के शेयरों में 1% से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई, जो बीमा क्षेत्र में बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
100% FDI का प्रभाव
- IRDAI के चेयरमैन Debasish Panda ने कहा कि 100% FDI से
- Global Expertise और Technology आएगी।
- कंपनियों को Independent Planning का अवसर मिलेगा।
- केवल Domestic Capital पर निर्भरता कम होगी।
सॉल्वेंसी आवश्यकता में ढील
केंद्र सरकार Solvency Requirements में ढील देने पर विचार कर रही है। इससे कंपनियों को:
- अधिक कैपिटल फ्री अप करने का मौका मिलेगा।
- परिचालन में अधिक निवेश किया जा सकेगा।
भारत में FDI का अब तक का प्रभाव
- वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी के अनुसार, बीते 9 वर्षों में बीमा क्षेत्र ने FDI के रूप में ₹54,000 करोड़ प्राप्त किए हैं।
- इन सुधारों से बीमा उद्योग की विकास दर तेज़ होगी।
सुधारों की आवश्यकता और संभावित लाभ
- G20 शेरपा अमिताभ कांत ने बीमा जैसे क्षेत्रों को और अधिक ओपन करने की वकालत की।
- Swiss Re Institute के अनुसार, 100% FDI और यूनिफाइड लाइसेंस से बीमा क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और इसकी पहुँच व्यापक होगी।
निष्कर्ष
FDI सीमा को 100% तक बढ़ाना और Unified License लागू करना भारतीय बीमा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सुधार होंगे। यह कदम न केवल Foreign Investors के लिए आकर्षक साबित होगा बल्कि Insurance Penetration और Service Quality में भी सुधार करेगा। इन नीतियों से भारतीय बीमा बाजार नई ऊँचाइयों को छू सकेगा।