SEBI ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट कह दी ये बड़ी बात और निवेशकों को दिया ये सलाह

SEBI ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट कह दी ये बड़ी बात और निवेशकों को दिया ये सलाह

SEBI की प्रतिक्रिया: हिंडेनबर्ग रिपोर्ट और अदानी मामलों पर स्थिति

 

SEBI ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट कह दी ये बड़ी बात और निवेशकों को दिया ये सलाह

 

भारतीय नियामक संस्था, SEBI (Securities and Exchange Board of India), ने हाल ही में हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। SEBI ने निवेशकों को शांति बनाए रखने और सोच-समझकर कदम उठाने की सलाह दी है, जबकि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट और अदानी ग्रुप के खिलाफ उठाए गए आरोपों की जांच जारी है।

SEBI की सलाह और जांच

SEBI ने कहा है कि निवेशकों को किसी भी प्रकार की घबराहट से बचने की सलाह दी जाती है और उन्हें सोच-समझकर निवेश करने की सलाह दी जाती है। यह भी उल्लेख किया गया है कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में शॉर्ट पोजीशन हो सकती है, जो बाजार में अस्थिरता पैदा कर सकती है।

SEBI ने अदानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की गंभीरता को समझते हुए व्यापक जांच की है। 24 में से 22 मामलों की जांच पहले ही पूरी की जा चुकी है, जबकि एक मामले की जांच मार्च 2024 में समाप्त हो गई थी। एक बचे हुए मामले की जांच भी समाप्ति की कगार पर है। जिन मामलों की जांच पूरी हो गई है, उनमें SEBI ने कार्यवाही भी शुरू की है।

SEBI के नियम और प्रक्रिया

SEBI ने स्पष्ट किया कि वह जांच के दौरान किसी भी मामले की सार्वजनिक टिप्पणी से बचता है। हिंडेनबर्ग को SEBI के नियमों के तहत एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें REIT (Real Estate Investment Trusts) से संबंधित नियम 2014 के तहत समय-समय पर बदलाव किए गए हैं। SEBI के नियम व्यापक तौर पर लोगों की राय, चर्चा, और बोर्ड की मंजूरी से बनते हैं।

SEBI ने यह भी कहा कि हितों के टकराव को रोकने के लिए संस्था के अंदरूनी इंतजाम बहुत मजबूत हैं। जिन मामलों में हितों का टकराव उत्पन्न होता है, वहां SEBI लोगों को दूर रखने का प्रयास करता है। SEBI चेयरपर्सन ने समय-समय पर सभी आवश्यक खुलासे किए हैं और ऐसे मामलों को स्वयं ही संभाला है जहां हितों का टकराव हो सकता था।

सारांश

SEBI ने हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट और अदानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, और जांच की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाने की बात की है। निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे घबराहट से बचें और सूझबूझ से निवेश करें। SEBI ने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी जांच प्रक्रियाएं और नियम सभी हितों के टकराव को ध्यान में रखते हुए संचालित होती हैं।

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