भारतीय आईटी सेक्टर में शानदार वृद्धि

14 अगस्त को भारतीय आईटी सेक्टर में शानदार वृद्धि ,जानिए इसके पीछे के प्रमुख कारण

14 अगस्त को भारतीय आईटी सेक्टर की शानदार वृद्धि: टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएलटेक का प्रमुख योगदान

 

भारतीय आईटी सेक्टर में शानदार वृद्धि

 

14 अगस्त को, भारतीय आईटी सेक्टर के 13 प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांकों में से एक बेहतरीन प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरते हुए देखा। इस दिन, निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें टीसीएस, इंफोसिस, और एचसीएलटेक सबसे आगे रहे। यह वृद्धि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों की सकारात्मकता का परिणाम थी, जिसने आईटी सेक्टर  में तेजी का कारण बनी।

अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का प्रभाव

अमेरिका से प्राप्त जुलाई महीने के आंकड़ों ने अपेक्षा से कम वृद्धि दिखाई, जिससे आईटी शेयरों में तेजी आई। उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) में केवल 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अर्थशास्त्रियों के 0.2 प्रतिशत के पूर्वानुमान से कम थी। यह वृद्धि जून में देखी गई 0.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में भी कम थी। मुद्रास्फीति के दबाव में कमी ने निवेशकों के बीच आशावाद को बढ़ाया कि फेडरल रिजर्व निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे बाजार की धारणा में सुधार हुआ।

आईटी सेक्टर का प्रदर्शन

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा के अनुसार, “आईटी शेयरों के मौजूदा प्रदर्शन के लिए व्यापक वैश्विक कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों और पिछले सप्ताह नैस्डैक कंपोजिट के तेज उछाल ने इस क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। हाल की अस्थिरता के बावजूद, आईटी क्षेत्र को वैश्विक संकेतों से बढ़ावा मिल रहा है।”

14 अगस्त को भारतीय आईटी सूचकांक के लिए यह लगातार चौथा सत्र था जिसमें वृद्धि देखी गई। अमेरिका में, तकनीक-प्रधान नैस्डैक कंपोजिट ने भी 8-13 अगस्त के बीच चार सत्रों में बढ़त हासिल की। इस अवधि में वैश्विक तकनीकी शेयरों की मजबूती ने भारतीय आईटी क्षेत्र के प्रदर्शन को सहारा दिया, जिससे यह निवेशकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना रहा।

निष्कर्ष

यह स्पष्ट है कि भारतीय आईटी सेक्टर अमेरिकी बाजार के आर्थिक संकेतकों के प्रति संवेदनशील है और वहां के आर्थिक स्वास्थ्य का सकारात्मक प्रभाव भारतीय आईटी शेयरों पर भी पड़ता है। भारतीय निवेशकों और विश्लेषकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि वैश्विक बाजारों में सुधार से घरेलू सूचकांक को भी लाभ मिल सकता है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *